मोदी सरकार ने सुनाया मशहूर कलाकारों को सरकारी आवास खाली करने का फरमान, 91 साल के पद्मश्री सम्मानित मायाधर राउत को किया ‘बेघर’

मोदी सरकार ने सुनाया मशहूर कलाकारों को सरकारी आवास खाली करने का फरमान, 91 साल के पद्मश्री सम्मानित मायाधर राउत को किया ‘बेघर’

दिल्ली. केंद्र सरकार के विवेकाधीन कोटे से दिल्ली में कलाकारों को आवंटित सरकारी आवास खाली करने के नाम पर बवाल मचा हुआ है. संगीत, नृत्य, कला और चित्रकारी जैसी विधाओं से जुड़े जिन कलाकारों को मोदी सरकार ने सरकारी आवास खाली करने का फरमान जारी किया है उनमें अधिकांश 70 साल से ज्यादा के हैं. ज्यादातर कलाकार पिछले 2 से 3 दशकों से दिल्ली में रह रहे हैं लेकिन अब उन्हें ‘बेघर’ होना पड़ रहा है. इसमें सबसे बड़ा नाम पद्मश्री से सम्मानित ओडिसी नृत्य गुरु मायाधर राउत का है. 91 साल के राउत को इसी सप्ताह अचानक से घर से बाहर निकालने के लिए केंद्र सरकार के कर्मी आए जिसका राउत के परिवार ने विरोध भी किया था. 

अब उसी तर्ज पर केंद्र सरकार ने बुधवार को 8 मशहूर कलाकारों को दो मई तक सरकारी आवास खाली करने का फरमान सुनाया है. केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कई बार नोटिस देने के बावजूद 28 कलाकारों में से 8 ने अब तक अपना सरकारी आवास खाली नहीं किया है. मोहिनीअट्टम नर्तक भारती शिवाजी, कुचिपुड़ी नर्तक गुरु वी जयराम राव, ध्रुपद गायक उस्ताद एफ वसीफुद्दीन डागर, रानी सिंघल, कथक विशेषज्ञ गीतांजलि लाल, लिथोग्राफर केआर सुबन्ना, सारंगी वादक कमल साबरी, देवराज डकोजी, कमलिनी, कलाकार जतिन दास, पंडित भजन सोपोरी और गायिका रीता गांगुली का नाम बेघर होने वाले कलाकारों में शामिल है. 

दरअसल 2020 में केंद्र सरकार ने पंडित बिरजू महाराज, पंडित भजन सोपोरी, जतिन दास, उस्ताद एफ वसीफुद्दीन डागर और रीता गांगुली समेत 27 कलाकारों को 31 दिसंबर तक दिल्ली में मिले सरकारी आवास खाली करने का नोटिस दिया था इस पर तमाम कलाकारों ने नाराजगी जताई थी. हालांकि सरकार का कहना था कि वर्ष 2008 में ही आवंटन नीति में बदलाव हो चुका है. इसी कारण केंद्र सरकार ने ये आवंटन 2014 में निरस्त कर दिए गए थे.

वहीं कलाकारों का कहना है कि वे वर्षों से इन मकानों में रह रहे हैं. हमारी आयु भी 70 से 90 साल या उससे अधिक की है. ऐसे में उन्हें रियायत मिलनी चाहिए थी. बिरजू महाराज को भी मकान खाली करने कहा गया था लेकिन बाद में उनका निधन उसी मकान में हो गया. कलाकारों का कहना है कि यहाँ तक 2018 में सरकार ने 2014 से 2018 तक का किराया वसूला. कलाकरों का कहना है कि हर महीने हमने 60 हजार से लेकर 1 लाख तक का भुगतान कर किराया चुकाया. अब जहां हम 20 सालों से अधिक समय से रह रहे हैं, वहां से हमें बाहर निकलने को कहा जा रहा है। इतनी उम्र में हम कहां जाएंगे. लेकिन अब माना जा रहा है कि 2 मई तक सभी कलाकारों को ‘बेघर’ करने की कार्रवाई पूरी हो जाएगी. 


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