चौसा/मधेपुरा : जन अधिकार पार्टी (लो) के उम्मीदवार सह सासंद पप्पू यादव ने आज कहा कि मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र के युवाओं को नेता नहीं, उनके साथ खड़ा होने वाला सेवक चाहिए. पप्पू यादव आज अपने जनसंपर्क अभियान के दौरान चौसा प्रखंड स्थित पॉलिटेकनिक मधेपुरा पहुंचे, जहां छात्रों ने उनका जोरदार स्वागत किया. इसके बाद उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने युवाओं को नौकरी का वादा कर पकौड़े बेचने के लिए कह दिया. लेकिन हम हमेशा से युवाओं के लिए लड़ाई लड़ते आये हैं. चाहे वो एसएससी का सवाल हो, सीसैट का सवाल हो, 13 प्वाइंट रोस्टर का सवाल हो, मैट्रिक – इंटर रिजल्ट हो, दारोगा परीक्षा में धांधली का मामला हो या छात्रों से जुडा अन्य कोई मुद्दा हो हमने हमेशा छात्रों के हित को सर्वोपरि माना है और उनके लिए काम किया है. आज भी युवाओं को रोजगार से जोड़ना मेरी प्राथमिकता है.
महागठबंधन के सवाल पर पप्पू यादव ने कि आज देश बचाने की लड़ाई है, जिसकी लड़ाई महागठबंधन लड़ रही है. लेकिन महागठबंधन के ही कुछ लोग इस लड़ाई को कमजोर कर रहे हैं. सुपौल में महागठबंधन की उम्मीदवार रंजीत रंजन के खिलाफ ही स्वयंभू लोग आग उगलवा रहे हैं. शिवहर में रामा सिंह को टिकट नहीं दिया। बेगूसराय में गिरिराज सिंह को चुनौती देने कन्हैया वाले कन्हैया को कमजोर करने के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया. बहन के लिए वाम दलों गठबंधन कर लिया और सिवान में हीना सहाब के लिए गठबंधन नहीं किया. ये सब दर्शाता है कि कौन भाजपा को जिताने में लगा है.
पप्पू यादव ने मधेपुरा की लड़ाई को न्याय और सेवा के लिए बताया. उन्होंने कहा कि किसी गरीब को मदद की जरूरत हो, तो उसकी मदद कौन करेगा?जब किसी के अपनों को अस्पताल में बंधक बना लिया जाय, तो उसके साथ कौन खड़ा होगा? लोगों को न्याय कौन दिलायेगा ? युवाओं और छात्रों की मदद कौन करेगा ? ये मधेपुरा की जनता समझती है। उन्होंने कहा कि जनता ने हमें सेवक के रूप में स्वीकार किया है और इस बार भी हमें पूरा समर्थन देगी। 2014 के मोदी तूफान में भी मधेपुरा लोकसभा की तमाम जनता ने हमें जाति – धर्म से उपर उठकर चुना था, इस बार भी चुनेगी। क्योंकि हम सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं.
पप्पू यादव ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मधेपुरा में आकर कह दिया कि पप्पू यादव ने बहुत काम किया. रेली मंत्री ने भी मेरे कार्यों की सराहना की. हमने यहां 11 महत्वपूर्ण ट्रेनों का परिचालन शुरू कराया, जिससे दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में जाने के लिए आवगमन की सुविधा आसान हो गई. अब गरीब आदमी महज 300 रूपए में दिल्ली जा पायेंगे. ये मधेपुरा और सहरसा की जनता समझती है. इसलिए इस बार लोग यहां फिर से नेता नहीं सेवक को चुनेंगे.