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राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ने किया बड़ा बदलाव, अब केवल होंगी दो कैटेगरी, नए सिस्टम से मिलेगा शिक्षा में सुधार का मौका

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ने किया बड़ा बदलाव, अब केवल होंगी दो कैटेगरी, नए सिस्टम से मिलेगा शिक्षा में सुधार का मौका

 दिल्ली- राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ने देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों कॉलेज और विश्वविद्यालयों की मूल्यांकन प्रक्रिया में परिवर्तन करते हुए अनुसंधान, शोध, नवाचार, ग्रीन एक्टिविटीज को शामिल किया है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020  लागू होने से अब राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ने  शिक्षण संस्थानों के काम का मूल्यांकन करने पैमाना तय कर दिया है. अब राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद पहले की तरह ग्रेडिंग नहीं देगी. केवल लेवल तय किए जाएंगे. सर्वोतम संस्थानों को सेंटर फॉर एक्सीलेंस का दर्जा मिलेगा. देशभर के विश्वविद्यालयों, डिग्री कॉलेजों और एजुकेशन इंस्टीट्यूट में गुणवत्ताापूर्ण शिक्षा के लिए राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद मूल्यांकन को बढ़ावा देने के लिए अब इसके नियम में बदलाव किया गया है. इससे कॉलेज के भीतर राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद को लेकर जो डर था वह खत्म हो जाएगा.

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ने पहले से चलती आ रही ग्रेडिंग की व्यवस्था को खत्म करके अब नई  ग्रेडिंग  प्रक्रिया लागू की है.  नैक द्वारा लाए जा रहे नए  प्रक्रिया  में विवि और कॉलेजों के मूल्यांकन के लिए 10 मापदंड तय किए गये हैं. इनमें रिसर्च एंड इनोवेशन आउटकम, गवनेंस एंड एडिमिनिस्ट्रेशन, ग्रीनरी एंड अन्य,एक्सटेंडेट करिकुलर इंडोस्मेंट ,करिकुलम ,फैकल्टी रिसोर्सेज ,इंफ्रास्ट्रकचर ,लर्निग एंड टीचिंग ,स्टुडेंट आउटकम को रका गया है. इसी आधार पर रिपोर्ट तैयार किया जाएगा. 

 राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद पहले सिर्फ सात मापदंड के आधार पर  विवि और कॉलेजों का मूल्यांकन करता था . नैक के नए नियम के अनुसार अब सिर्फ दस्तावेज के आधार पर  विवि और कॉलेजों का मूल्यांकन किया जायेगा . पूर्व से चलती आ रही भैतिक निरीक्षण की प्रक्रिया को समाप्त कर दी गई है. नैक के नए मूल्यांकन  प्रक्रिया में  विवि और कॉलेजों के द्वारा सौंपे गये दस्तावेज के आधार पर उन्हे एक्रिडिएशन और नॉन एक्रिडिएशन का दर्जा मिलेगा . 

जिस  विवि और कॉलेजों के कागजात अधूरे होगें और उनकें पास कोई विशेष उपलब्धि नहीं होगी उन्हें एक्रिडिएटेड के श्रेणी में रखा जायेगा . साथ ही विवि और कॉलेज जो दस्तावेज नैक को सौंपते हैं उसका प्रमाण देना होगा . जनवरी 2025 से शुरु होने वाली इस मूल्यांकन के अनुसार  बिहार के विवि और कॉलेजों को तैयारी करनी होगी .

 जनवरी से विवि और कॉलेज नैक द्वारा तय किए गये मानक के अधार पर ग्रेड के लिय आवेदन कर सकते हैं. पूर्व में  नैक द्वारा किए मानक में 7 मापदंड और 56 विंदु शामिल थे . इन मापदंडो के अधार पर  विवि और कॉलेजों का मूल्यांकन किया जाता था . इसके अलावा प्रोफेसरों की रिसर्च और पेंटेंट  की जानकारी भी प्रमाण पत्र के साथ अपलोड करनी होगी . 

वही पीयू के पूर्व कुलपति प्रो. रास बिहारी प्रसाद सिंह ने बताया कि नए वर्ष में नैक की मान्यता के मापदंड में बदलाव किए गये हैं . अब बिहार के विश्वविद्यालयों और कॉलेज को उसी अनुरूप तैयारी करनी होगी . खासकर डॉक्यूमेंट पर फोकस करना होगा . उन्होनें कहा कि  अब नैक के नए सिस्टम में कई बिंन्दु जुड़ गए हैं.  भौतिक सत्यापन नहीं होगा पर जो डॉक्युमेंट अपलोड किए जायेंगे. वह सही और अपडेट होना चाहिए. 

बता दें कि हर साल नैक की टीम विवि और कॉलेजों में भैतिक परीक्षण करके पूर्व से चलती आ रही ग्रेडिंग की व्यवस्था को खत्म करके अब नई ग्रेडिंग लागू की है. बहरहाल राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद के ग्रेडिंग को लेकर पहले जो डर बना रहता था उस खत्म कर दिया गया है. अब केवल दो हीं श्रेणियां रखी गई हैं. इससे शैक्षणिक माहौल के सुधरने की उम्मीद की जा रही है

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