PATNA: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उपेन्द्र कुशवाहा का साथ छोड जदयू का दामन थामने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि गुस्से में हैं।नागमणि का गुस्सा जदयू के साथ-साथ बीजेपी से भी है।वे अपने गुस्से को समाज का गुस्सा बता यह जतानें की कोशिश में जुट गए हैं कि अगर अनदेखी हुई तो फिर आगे का रास्ता तलाशा जा सकता है। उन्होंने अपना दर्द सोशल मीडिया के माध्यम से साझा किया है।
अपने फेसबुक पेज के माध्यम से नागमणि ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि एमएलसी का टिकट कुशवाहा समाज के किसी नेता को नहीं मिलने से काफी आक्रोश है।कुशवाहा समाज का गुस्सा बीजेपी-जेडीयू दोनों दलों से है ।क्यों कि दोनों में किसी ने कुशवाहा समाज से उम्मीदवार नहीं उतारा है।
उन्होंने आगे लिखा है कि एमएलसी की 2 सीटों में कुशवाहा समाज को हिस्सेदारी नहीं दी गई। जबकि समाज ने उपेंद्र कुशवाहा को बुरी तरह से नकारा और नीतीश कुमार और मेरे हाथ को मजबूत करने के लिए एनडीए को वोट किया।उन्होंने आगे लिखा है कि कुशवाहा समाज को उपेक्षित करने से बीजेपी के प्रति लोगों में थोड़ा ज्यादा ही गुस्सा है।नागमणि ने आगे लिखा है कि हमने समाज को पूरा बिश्वास दिलाया है और कहा है कि नेता नीतीश कुमार निश्चित रूप से कुशवाहा समाज को हिस्सेदारी देंगे।
नागमणि ने पहले गुस्सा का इजहार कर आगे लिखते हैं कि नीतीश कुमार का थीम है कुशवाहा को प्राथमिकता देना।हमने समाज को तत्काल 2020 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए फरवरी महीने मे कुशवाहा समेलन की तैयारी मे तन मन धन से लग जाने का आहवान किया है।
खबर है कि नागमणि अपनी पत्नी सुचित्रा सिन्हा को एमएलसी बनवाना चाहते हैं।इसको लेकर सीएम नीतीश के समक्ष अपनी दावेदारी भी जता चुके हैं।वे इस आश में थे कि नीतीश कुमार के धूर विरोधी उपेन्द्र कुशवाहा का साथ छोड़ और चुनाव में उनके खिलाफ अभियान चलाने से सीएम नीतीश खुश होकर एमएलसी का टिकट दे सकते हैं।लेकिन एन वक्त पर जदयू ने संजय झा को टिकट दे दिया।जबकि दूसरी सीट पर बीजेपी ने राधामोहन शर्मा को उम्मीदवार बना दिया।
इसके बाद नागमणि ने कुशवाहा समाज के बहाने एकबार फिर से फुंफकारा है।अब देखना है कि आने वाले दिनों में नागमणि के इस फुंफकार का सीएम नीतीश पर असर होता है या नहीं