DESK: करीब 7 घंटे की लंबी बहस के बाद लोकसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित हो गया है। दो तिहाई मतों से इस बिल को पास किया गया है। इस बिल के पक्ष में जहां 454 वोट मिले वहीं विरोध में केवल 2 वोट मिले। वहीं लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33% सीटें देने वाला महिला आरक्षण विधेयक कल राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
बता दें कि, इस बिल के आने के बाद से ही पक्ष विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था। एक ओर बीजेपी जहां लगातार इस बिल का समर्थन कर रही थी। वहीं दूसरी ओर कई विपक्षी पार्टियां दबे मन से इस अधिनियम का विरोध कर रही थी। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जहां इस बिल का समर्थन किया। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए इस बिल का विरोध की थी।
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महिला आरक्षण बिल हमारी प्राथमिक मांग है। मेरा आग्रह रहेगा कि आरक्षण कुछ इस तरीके से ही लागू की जाए। महिला आरक्षण बिल का स्वागत करते हुए सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार इसे लागू नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा कि हमने 2006 में पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया। पंचायत चुनाव के ठीक बाद 2007 में नगर निकाय चुनाव में भी महिलाओं को आरक्षण दिया। बिहार में महिलाओं को मिल रही रिजर्वेशन पर कहा कि राज्य में सभी तरह की नौकरियों में 35 फीसदी का आरक्षण तय किया गया है। पुलिस में भी आरक्षण लागू की गई। महिलाओं को आरक्षण मिलना अच्छी बात है।
वहीं एक ओर जहां सीएम नीतीश कुमार ने महिला बिल का स्वागत किया। वहीं उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बिल का समर्थन करने के साथ साथ केंद्र सरकार की मंशा पर भी कई सवाल खड़ा किए। उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार महिलाओं के साथ छल कर रही है। इनकी मंशा सही नहीं है। इन लोगों को महिला सशक्तिकरण से कोई मतलब नहीं है। इस सरकार को सिर्फ अपनी कुर्सी से मतलब है। कुर्सी के लिए ये कुछ भी कर सकते हैं।
वहीं इस बिल का विरोध करते हुए राबड़ी देवी ने कहा कि, यह बिल OBC/EBC वर्ग की महिलाओं को ठेंगा दिखाने वाला है। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक में जो 33% आरक्षण दिया गया है उसमें SC, ST, OBC महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित नहीं की गयी है। SC/ST वर्गों के लिए जो प्रावधान किया है वह उन वर्गों के लिए पहले से ही आरक्षित सीटों में से SC/ST की महिलाओं को 33% मिलेगा। यानि यहाँ भी SC/ST को केंद्र सरकार ने धोखा दिया है।