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निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने 'समाज उत्थान आरक्षण यात्रा' रथ को किया रवाना, एक महीने में 20 हजार किमी करेगा सफर

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने 'समाज उत्थान आरक्षण यात्रा' रथ को किया रवाना, एक महीने में 20 हजार किमी करेगा सफर

लखनऊ. बुधवार को निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार निषाद ने लखनऊ के 1090 चौराहे से निषाद पार्टी द्वारा “संकल्प समाज उत्थान आरक्षण यात्रा” रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. डॉ. निषाद ने बताया की यह रथ यात्रा 1 महीने बाद 15 अक्टूबर को राजधानी लखनऊ में समापन की जाएगी. साथ ही उन्होंने बताया कि “संकल्प समाज उत्थान आरक्षण यात्रा” एक महीने में 20 हजार किलोमीटर का फासला तय कर लखनऊ में होने वाली निषाद पार्टी की विशाल महारैली “सरकार बनाओ-अधिकार पाओ” को लेकर लोगों को न्यौता देगी. साथ ही निषाद समेत अन्य समाज को रथ यात्रा के माध्यम से निषाद पार्टी की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने का काम करेगी. आगामी विधानसभा चुनाव में किंगमेकर की भूमिका में रहेगी निषाद पार्टी, जिसको लेकर पुरजोर मेहनत की जा रही है. डॉ. निषाद ने कहा कि निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल का गठन ही निषाद पार्टी का गठन ही निर्बलों, वंचितों और शोषितों के हक अधिकार और मान-सम्मान के लिए किया गया था.

यह “संकल्प समाज उत्थान आरक्षण यात्रा” हमारी सहयोगी पार्टी बीजेपी को भी 2019 लोकसभा चुनाव से पूर्व किए गए निषाद समाज के कल्याण और उत्थान के वायदों (आरक्षण, रोजी-रोटी के मुद्दे एवं कार्यकर्ताओं से राजनैतिक मकदमें वापसी) को भी याद दिलवाने का काम करेगी, क्योंकि जिस प्रकार अपने हक-अधिकार से वंचित रखे जाने के बाद उत्तर प्रदेश में 18 प्रतिशत से अधिक आबादी वाले समाज ने गुस्से में आकार सपा-बसपा-कांग्रेस का बटन छूना बंद कर दिया तो आज उत्तरप्रदेश में तीनों पार्टियों के हालात क्या है ये आप सबके सामने हैं. अगर समय से हमारी सहयोगी पार्टी अपने किए हुए वायदों को पूरा नहीं करती है तो केवल डॉ. संजय निषाद भाजपा के सहयोगी के रूप में अकेले निषाद रह जाएंगे, इसलिए बीजेपी को जल्द अपना वादा पूरा कर निषाद समाज का उत्थान भी करना चाहिए, तभी असल मायनों में पीएम मोदी जी का सपना सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास भी पूरा होगा.

डॉ. निषाद ने बताया कि बीते 70 सालों में पूर्व की सरकारों ने हमारे आरक्षण और रोजी-रोटी के मुद्दे ताल-घाट-बालू को इतना जटिल बना दिया है कि आज 70 सालों से चली आ रही समस्याओं को हल करने में बीजेपी सरकार में समय लग रहा है, लेकिन अब एक समयसीमा निर्धारित होनी चाहिए कि कब तब समाज के मुद्दों को हल किया जा सकेगा, इसलिए आगामी 15 अक्टूबर 2021 को लखनऊ के रमाबाई मैदान में होने वाली विशाल महारैली “सरकार बनाओ-अधिकार पाओ” रैली में ही राष्ट्रीय एवं प्रदेश कोर कमेटी की बैठक पूरे समाज के सामने की जाएगी और समाज जो फैसला लेगा वो निषाद पार्टी को भी मान्य होगा.

डॉ. निषाद ने अभी तक की सरकारों को “काले अंग्रेजो” की उपाधी देते हुए कहा कि आजादी से पूर्व मुगलो और अंग्रेजो ने निषाद समाज को कानून बनाकर उजाड़ने का काम किया था और आजादी के बाद से काले अग्रेंजो ने अपने अपने समाज के उत्थान के लिए देश में सबसे ज्यादा आबादी होने वाले निषाद समाज को उनके हक-अधिकार से वंचित रख उजाड़ने का काम किया है.

फर्जी स्टिंग मामले पर प्रतिक्रिया  

उन्होंने कहा कि आज निषाद पार्टी की लोकप्रियता बढ़ रही है तो विरोधी अचंभित है कि कैसे एक मल्लाह का बेटा मात्र 5 साल के राजनीतिक सफर में राजनीति के बड़े-बड़े सुरमाओं को हराने और पिछड़े-शोषित समाज को एकजुट करने में सफल हो गया है. ऐसे में विरोधी भिन्न-भिन्न प्रकार के हथकंडे अपना रहे हैं. कैसे निषाद पार्टी खत्म हो जाए तो मैं उनके बताना चाहता हूं कि आज जो भी लोग मेरे स्टिंग ऑपरेशन करवा रहे है या कर रहे है मैं उनको बता देना चाहता हू कि मैं एक गरीब घर से हूं एक गरीब मां की कोख से जन्म लिया हूं और अगर कोई मेरे ऊपर ये आरोप लगता है कि मैं किसी से पैसे मांगता हू या पैसे से टिकट बेचता हूं. वह कभी अपने एयर कंडीशनर वाले कमरे से बाहर निकल कर तो देखे कि पार्टी कैसे खड़ी होती है या कैसे चलती है.

उन्होंने कहा कि मैं एक गरीब घर का बेटा हू और पार्टी को कैसे चला रहा हू ये देखकर वो खून की आंसू ना रो पड़ा तो मैं अपना नाम बदल दूंगा. ऐसे आलिशान महल के एयर कंडीशनर रूम में बैठकर किसी के बारे में कुछ भी लिख देना या चला देना बड़ा आसान है लेकिन कभी वो सड़क पर निकल कर ऐसों आराम वाली जिंदगी से हटकर तो देखे कि कैसे गरीब लोग और उनके बेटे एक टाइम खाना खाकर जी रहे हैं. गरीबों को आज भी बस एक टाइम का खाना मिलता है और वो दूसरे टाइम के खाना के लिए तरस रहा है, लेकिन मैं आज आप सभी मीडिया बंधुओं के माध्यम से बता देना चाहता हूं कि डॉ. संजय निषाद आज भी गरीबों को कैसे दो टाइम की खाना मिल सके? कैसे उनके बच्चे पढ़ सके? कैसे उनके नंगे तन को ढकने के लिए कपड़े मिले? कैसे उनको वो सम्मान मिले जो एक आलीशान महल में रहने वालों को मिलता है? उनके लिए काम कर रहा है और आगे भी करता रहेगा.

आज भी अगर मुझसे कोई पूछेगा तो मैं कहूंगा मुझे पैसे की जरूरत तो है लेकिन ये मेरे अपनो के लिए है जो रोज अपनी जिंदगी और मौत से जूझते है और अपनी पेट की आग बुझाने के लिए लड़ रहे हैं. हमारी पार्टी मजबूत होगी तभी हम उनके लिए कुछ कर पाएंगे. आज संजय निषाद आप के सामने कसम खाकर आह्वान करता है कि उन सभी निर्बल गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए एक एक पैसा जोड़कर पुरजोड़ तरीके से चुनाव लडूंगा और सत्ता में आकर गरीब दिन दुखियों को उनका हक और मन सम्मान दिलाएगा. मैं अपने शरीर के खून का एक एक कतरा बहा दूंगा, लेकिन इन गरीब मछुआ भाईयों के हक को दलालों के हाथ बिकने नहीं दूंगा.

आज ये रथ यात्रा मैं इसी सोच, विश्वास और ताकत के साथ यहां से रवाना कर रहा हुं कि यह रथ जहां-जहां जायेगा वह अपने भाइयों का विश्वास और ताकत बन कर उनके सम्मान को बढ़ाने का कार्य करेगा. मैं तब तक चैन से बैठने वाला नही हूं. जब तक गरीब भाइयों के लिए देखने वाला सपना मैं पूरा नहीं कर लेता है. मैं तो पूछना चाहता हू ये स्टिंग एक गरीब के बेटा और उनके मसीहा का ही क्यों? स्टिंग तो उनका होना चाहिए ना जो 70 सालों से इन गरीबों के हक और मान सम्मान को खा रहा है, उनके बच्चों का भविष्य खा रहा है. आज डॉ. संजय निषाद आप सभी के माध्यम से उन दलालों को भी न्योता दे रहा है, जो एक गरीब के बेटे को साजिश के तहत फंसा रहे हैं. वो आए मेरे साथ इस रथ यात्रा का हिस्सा बने और देखे की गरीबों की जिंदगी कैसी होती है कैसे गरीब लोग झुग्गी झोपड़ी में अपना जीवन व्यतीत कर रहे है?

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