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गाँधी की हत्या के लिए नेहरु जिम्मेदार, राष्ट्रपिता की हत्या के 74 साल बाद भाजपा को याद आया कारण

गाँधी की हत्या के लिए नेहरु जिम्मेदार, राष्ट्रपिता की हत्या के 74 साल बाद भाजपा को याद आया कारण

दिल्ली. प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु पर अक्सर तंज कसने वाली भाजपा ने अब राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की हत्या के लिए भी नेहरु पर निशाना साधा है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 74वीं पुण्यतिथि के मौके पर रविवार सुबह से ही गांधी V/s गोडसे जारी है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सुबह ट्वीट किया- एक हिंदुत्ववादी ने गांधीजी  को गोली मारी थी. सब हिंदुत्ववादियों को लगता है कि गांधीजी नहीं रहे. जहां सत्य है, वहां आज भी बापू जिंदा हैं!

राहुल ने परोक्ष रूप से भाजपा और आरआरएस पर तंज कसा तो भाजपा भी हमलावर हो गई. भाजपा की ओर से सीधे सीधे नेहरु को गाँधी की हत्या के लिए कारण बता दिया गया. भाजपा के राज्‍यसभा सांसद प्रो. राकेश स‍िन्‍हा ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या का प्रयास 20 जनवरी 1948 में प्रार्थना सभा के दौरान हुई थी. तब मदनलाल पाहवा पकड़ा गया था, बावजूद इसके गाँधी की सुरक्षा को नहीं बढ़ाया गया. उसने पुलिस को बातें बताई थी कि क्‍या षड्यंत्र है?  इसके बावजूद भी न तो षडयंत्रकारियों को पकड़ा गया और न ही गांधीजी की सुरक्षा बढ़ाई गई.

राकेश ने नेहरु पर निशाना साधते हुए कहा, गांधी जी सुरक्षा नहीं बढ़ाने को लेकर जवाब देने के लिए आज नेहरू तो हैं नहीं, लेकिन उनके वंशज जवाबदेह हैं कि नेहरू ने उनकी सुरक्षा क्यों नहीं बढ़ाई, यह चूक थी या कोई बड़ा षडयंत्र था. राज्‍यसभा सांसद ने कहा - फिरोज खान का सरनेम Gandhy था. यह उसे छोड़ गांधी अपना रहे हैं. इसलिए मैं कह रहा हूं कि यह महात्मा गांधी के नाम का शोषण कर रहे हैं. राहुल गांधी इसीलिए वंशवाद का अमरबेल हैं. महात्मा गांधी ने अपने पुत्र को राजनीति और सामाजिक जीवन में नहीं दिया था.

उन्होंने राहुल गांधी पर न‍िशाना साधते हुए कहा कि नाथूराम गोडसे ने तो महात्‍मा गांधी की एक दिन हत्या की थी, लेकिन उनकी हत्या से उनके विचारों और आदर्शों के मूल्यों की हत्या नहीं हुई है. नेहरू-गांधी परिवार लगातार 1948 के बाद गांधी के आदर्शों, विचारों और मूल्यों की हत्या करता आ रहा है. इस परिवार ने गांधी सरनेम का सबसे अधिक दोहन और शोषण किया है. सिन्हा ने कहा कि इस परिवार के लिए सत्ता ही सब कुछ है, वरना यह न तो फिरोज गांधी की पुण्यतिथि पर एक ट्वीट करते हैं और न ही उनकी मजार पर जाते हैं. संसार में गांधी इकलौते हैं और वे एकवचन में हैं.

राहुल के हिंदू होने पर तंज सकते हुए सिन्हा ने कहा कि राहुल गांधी एक चुनावी हिंदू हैं. मुस्लिम वोट बैंक साधने में राहुल गांधी का कॉम्पिटिनशन अखिलेश यादव से है. जब-जब चुनाव आता है तो वह हिंदुत्व को गाली देकर, हिंदुत्व की अलग व्याख्या बताने लगते हैं. वास्तव में तो कहीं पर नजर और कहीं पर निशाना लगा रहे हैं. वह हिंदुत्व और हिंदू संगठनों की आलोचना कर मुस्लिम वोट बैंक को समेटना चाहते हैं. वह मौजूदा समय में अखिलेश यादव का गुणगान कर रहे हैं और हिंदुत्व को गाली देकर मुस्लिम वोट बैंक को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं.


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