बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

पूरे भारत में 1 जुलाई से लागू होंगे नए आपराधिक न्याय कानून, तीनों बदलावों से मोदी सरकार बदल रही सजाओं की परिभाषा

पूरे भारत में 1 जुलाई से लागू होंगे नए आपराधिक न्याय कानून, तीनों बदलावों से मोदी सरकार बदल रही सजाओं की परिभाषा

DESK. देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलने के लिए नव अधिनियमित कानून - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम - 1 जुलाई से लागू होंगे। तीनों कानूनों को पिछले साल 21दिसंबर 2023 को संसद की मंजूरी मिल गई। वहीं  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को इसे अपनी सहमति दी थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी तीन समान अधिसूचनाओं के अनुसार, नए कानूनों के प्रावधान 1 जुलाई से लागू होंगे।

ये कानून क्रमशः औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। अब इन्हें भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के नाम से जाना जाएगा. केंद्र सरकार के अनुसार तीनों कानूनों का उद्देश्य विभिन्न अपराधों और उनकी सजाओं की परिभाषा देकर देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन कानूनों को लेकर कहा था, “भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023, भारतीय न्याय संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 का पारित होना हमारे इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है। ये विधेयक औपनिवेशिक युग के कानूनों के अंत का प्रतीक हैं। सार्वजनिक सेवा और जनकल्याणकारी कानूनों से एक नये युग की शुरूआत हुई है।ये परिवर्तनकारी विधेयक सुधार के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं। ये विधेयक हमारे कानूनों, पुलिस और जांच प्रणालियों को प्रौद्योगिकी के साथ-साथ फोरेंसिक विज्ञान पर ध्यान केंद्रित करते हुए आधुनिक युग में लाएंगे। ये विधेयक यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे समाज के गरीबों, हाशिए पर रहने वाले और कमजोर वर्गों को बेहतर सुरक्षा मिले।

साथ ही, ये विधेयक संगठित अपराध, आतंकवाद और एसे कई अन्य अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में सहायक होंगे जो प्रगति की दिशा में हमारी शांतिपूर्ण यात्रा को कमजोर कर रहे हैं। इन विधेयकों के माध्यम से हमने राजद्रोह से संबंधित पुराने कानूनों को भी समाप्त कर दिया है। हमारे अमृत युग में, ये कानूनी सुधार हमारे कानूनी ढांचे को अधिक प्रासंगिक और सहानुभूतिपूर्ण बनाने के लिए नए तरीके अपनाते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के ये भाषण इन विधेयकों की मुख्य विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं।

Suggested News