PATNA : बिहार में अफसरशाही कितनी लापरवाह और गैरजिम्मेवार है इसकी बानगी कैमूर में देखने को मिली है। कैमूर की बेलाव पुलिस एक ऐसे अफसर की खोज में पसीना बहा रही है जिसको चार दिन पहले घूस लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। हैरानी की बात ये हैं कि जिस अफसर को गिरफ्तार किया गया है उसे अभी तक सस्पेंड नहीं किया गया है। अन्य अफसर उसे गुमशुदा मान रहे हैं।
सीओ ने लिखायी गुमशुदगी की रिपोर्ट
कैमूर के रामपुर प्रखंड की बीडीओ वर्षा तर्वे को निगरानी की टीम ने 2 अगस्त को घूस लेते गिरफ्तार किया था। इस बात से बेखबर सर्किल ऑफिसर भारत भूषण ने वर्षा तर्वे को कुछ कागजात भेजे थे। बीडीओ की गैरमौजदूगी के कारण कागजातों को किसी ने रिसीव नहीं किया। सीओ साहब ने कई बार दूत भेजे लेकिन कागजात रिसीव नहीं हुए। हैरानी की बात है कि किसी ने सीओ साहब को उनकी गिरफ्तारी बात नहीं बतायी। इसके बाद 4 अगस्त को सीओ साहब ने बेलाव थाना में उनके गायब होने की FIR दर्ज करा दी। पुलिस को बताया गया है कि बीडीओ कई दिनों से ऑफिस नहीं आ रही हैं।
बेखबर पुलिस भी जुट गयी अफसर की तलाश में
बेलाव के थानाध्यक्ष रामानुज सिंह को भी वर्षा तर्वे की गरफ्तारी की खबर नहीं थी। तभी तो उन्होंने कहा कि हम गायब बीडीओ वर्षा तर्वे को खोजने की कोशिश कर रहे हैं। बीडीओ की गिरफ्तारी पर पूरे कैमूर में हड़कंप मच गया था। हर तरफ इसी की चर्चा थी। लेकिन अचरज की बात है कि पुलिस को इस बात की जानकारी नहीं थी। पुलिस के सूचनातंत्र पर भी यह एक बहुत बड़ा सवाल है। पुलिस ने एक आधारहीन शिकायत पर FIR दर्ज कर ली।
क्या है मामला
2 अगस्त को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने रामपुर की बीडीओ वर्षा तर्वे को 1.15 लाख रुपये घूस लेते गिरप्तार किया था। वर्षा तर्वे ने मुखिया सत्येन्द्र सिंह से नल-जल योजना के काम के लिए घूस मांगी थी। मुखिया की शिकायत पर निगरानी की टीम ने बीडीओ को उनके आवास पर ही 1 लाख 15 हजार रुपये लेते गिरफ्तार कर लिया।
बीडीओ के पटना आवास पर मिले थे 1.70 लाख रुपये
इस सिलसिले में निगरानी की टीम ने वर्षा तर्वे के पटना आवास पर भी छापा मारा था। वहां से 1 लाख 70 हजार रुपये बरामद हुए थे। इसके अलावा उनके घर से एक देसी कट्टा भी बरामद किया गया था। वर्षा तर्वे का आवास आशियान-दीघा रोड पर रॉयल रेजिडेंस अपार्टमेंट में है।
पटना में दर्ज है आर्म्स एक्ट का केस
वर्षा तर्वे के पति मो. मोराद के खिलाफ पटना के शास्त्रीनगर थाना में आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। मो. मोराद गया के ठेकेदार हैं।
गिरफ्तार होने के बाद भी बीडीओ सस्पेंड नहीं
सरकारी सेवा नियमावली के मुताबिक अगर किसी कर्मचारी को 24 घंटे से अधिक जुडिसियल कस्टडी में रखा जाएगा तो उसको संबंधित विभाग निलंबित कर देगा। जांच अधिकारी या जेल प्रशासन को इस मामले में संबंधित विभाग को सूचना देनी होती है। निगरानी विभाग का कहना है कि हमने बीडीओ की गिरफ्तारी के बाद ही सूचना भेज दी थी ताकि विभागीय कार्यवाही शुरू की जा सके। लेकिन इन सब के बावजूद गिरफ्तार बीडीओ वर्षा तर्वे को गुमशुदा मान कर खोज की जा रही है।