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बिहार कैबिनेट की मीटिंग में 35 एजेंडों पर लगी मुहर, सिमरिया धाम के विकास एवं सौंदर्यीकरण की मिली मंजूरी

बिहार कैबिनेट की मीटिंग में 35 एजेंडों पर लगी मुहर, सिमरिया धाम के विकास एवं सौंदर्यीकरण की मिली मंजूरी

Patna:बिहार कैबिनेट की मीटिंग में 35 एजेंडों पर मुहर लगी है। जल संसाधन विभाग के प्रस्ताव सिमरिया धाम के विकास एवं सौंदर्यीकरण के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगाई है ।

जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार जताते हुए कहा की यह मिथिला के लिए बड़ा तोहफा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले साल कल्पवास मेले का स्थल निरीक्षण कर इसके विकास के लिए दिये थे जरूरी निर्देश।

उत्तर बिहार, खासकर मिथिला वासियों की लोक आस्था के प्रमुख केंद्र सिमरिया धाम (बेगूसराय) में उत्तरवाहिनी गंगा नदी के तट पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रीवर फ्रंट का विकास किया जाएगा। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में सिमरिया धाम के विकास के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार योजना को मंजूरी मिल गयी है। इसमें नदी तट पर पक्के सीढ़ी घाट के निर्माण, कल्पवास मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न सुविधाओं के विकास एवं सौंदर्यीकरण की योजना शामिल है। 

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवंबर 2022 में सिमरिया धाम में लगे कल्पवास मेले में भ्रमण कर साधु-संतों का फीडबैक लिया था और क्षेत्र के विकास के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार कॉन्सेप्ट प्लान की समीक्षा कर विस्तृत योजना बनाने के निर्देश दिये थे। सिमरिया धाम के विकास की योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि यह मिथिलावासियों के लिए एक बड़ा तोहफा है। इससे जहां सिमरिया धाम धार्मिक पर्यटन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा, वहीं आसपास के क्षेत्र को बाढ़ एवं कटाव से भी सुरक्षा मिलेगी।  

जल संसाधन मंत्री ने कहा कि सिमरिया धाम उत्तर बिहार के लोगों की आस्था का एक प्रमुख केंद्र रहा है। इस स्थल पर उत्तरवाहिनी गंगा होने के कारण इसका धार्मिक महत्व काफी अधिक है। हर साल कार्तिक मास में यहां कल्पवास मेले की परंपरा सदियों से चली आ रही है। सिमरिया कल्पवास मेले को एक दशक से अधिक से राजकीय मेला का दर्जा प्राप्त है। यहां वर्ष 2011 में अर्ध कुंभ और 2017 में महाकुंभ का आयोजन हो चुका है। इसके अलावा यहां स्नान, मुंडन और धार्मिक अनुष्ठान के लिए सालोभर काफी श्रद्धालु आते रहते हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह स्थल राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मस्थली के रूप में भी विख्यात है। लेकिन, जरूरी सुविधाओं के अभाव के कारण यहां पर्यटन का विकास नहीं हो पाया है। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां जरूरी सुविधाओं के विकास के लिए योजना बनाने के निर्देश दिये थे। 

जल संसाधन विभाग ने सिमरिया में राजेन्द्र सेतु और निर्माणाधीन छः-लेन पुल के बीच में गंगा नदी के बायें तट का आवश्यकतानुसार  उच्चीकरण करते हुए नदी भाग में लगभग 550 मीटर लंबाई में सीढ़ी घाट के निर्माण के साथ-साथ संपूर्ण कल्पवास क्षेत्र में सुविधाओं के विकास एवं सौंदर्यीकरण की योजना तैयार की है। योजना की प्राक्कलित लागत राशि 114.97 करोड़ रुपये है। इसमें रीवर फ्रंट का विकास, गंगा आरती हेतु विनिर्दिष्ट स्थल का निर्माण, स्नान घाट एवं चेंजिंग रूम का निर्माण, स्नान घाट के समानांतर सुरक्षा व्यवस्था, धार्मिक अनुष्ठान के लिए मंडप का निर्माण, शेडेड कैनोपी, वाच टावर, श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था एवं लैंडस्केपिंग, शौचालय परिसर, धर्मशाला परिसर, पाथ-वे एवं प्रकाशीय व्यवस्था का निर्माण शामिल है। इन कार्यों को 18 माह में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। छह लेन सेतु से दक्षिण में शवदाह के लिए मोक्षधाम को भी बेहतर बनाया जाएगा। इन कार्यों से आसपास के क्षेत्र को बाढ़ एवं कटाव से भी सुरक्षा मिलेगी।

 संजय कुमार झा ने कहा कि सिमरिया धाम रेलमार्ग एवं सड़क मार्ग से जुड़ा है। ऐसे में सुविधाओं का विकास होने पर सिमरिया धाम धार्मिक पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा। मिथिला के विभिन्न जिलों से यहां पहुंचने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि होगी और उन्हें यहां आकर गर्व महसूस होगा। इससे आसपास के इलाके में कई तरह के कारोबार और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

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