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नीतीश सरकार ने 'मेदांता' को अस्पताल के लिए दी थी 7 एकड़ बेशकीमती जमीन, विपदा की घड़ी में भी सरकार उस अस्पताल में नहीं खुलवा सकी कोविड हॉस्पिटल

नीतीश सरकार ने 'मेदांता' को अस्पताल के लिए दी थी 7 एकड़ बेशकीमती जमीन, विपदा की घड़ी में भी सरकार उस अस्पताल में नहीं खुलवा सकी कोविड हॉस्पिटल

PATNA: बिहार में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ते जा रहा है। राजधानी पटना की स्थिति तो और भयावह हो गई है। कोरोना संक्रमित मरीज इलाज कराने के लिए भटक रहे हैं लेकिन अस्पताल में बेड फुल हैं। बिना इलाज के ही लोग मर रहे हैं। एनएमसीएच को कोरोना मरीजों का भर्ती बंद कर दिया गया है। पीएमसीएच व एम्स की भी वही स्थिति है। लोग परेशान हैं ,उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि क्या किया जाये। नीतीश सरकार ने जय प्रभा अस्पताल की सात एकड़ जमीन मेदांता हॉस्पीटल को लीज पर दी थी। वहां पर बड़ा अस्पताल संचालित है। सरकार की कोशिश थी कि वहां पचास बेड को कोविड़ अस्पताल खुले। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने अब तक इसकी शुरूआत नहीं की है। 

डीएम ने शुक्रवार को ही किया था निरीक्षण

बता दें, शुक्रवार को पटना के डीएम चंद्रशेखऱ ने इस अस्पताल का निरीक्षण भी किया था। शुक्रवार से मंगलवार आ गया लेकिन आज तक मेदांता में पचास बेड का कोविड़ अस्पताल खुलवाने में प्रशासन विफल रहा। राज्य स्वास्थ्य समिति के ईडी का कहना है कि पहले यह योजना थी कि स्वास्थ्य विभाग के स्टॉफ ही इस हॉस्पिटल में पचास बेड का कोविड़ अस्पताल संचालित करें लेकिन इस पर सहमति नहीं बनी। मेदांता अस्पताल प्रबंधन अपने स्तर पर कोरोना अस्पताल संचालित करेगी।सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द इसकी शुरूआत हो। 

नीतीश सरकार ने पटना में दी थी 7 एकड़ जमीन

मेदांताअस्पताल के निर्माण के लिए नीतीश सरकार ने 2015 में पूरे तामझाम से 7 एकड़ सरकारी जमीन 33 सालों की लीज पर दी।2016 में इस अस्पताल का शिलान्यास किया गया। इसके बाद 2020 में खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ उद्घाटन करने गये. उस अस्पताल में अब तक कोविड़ अस्पताल नहीं खोला जा सका है। पचास बेड का कोविड अस्पताल खोलने में पेंच फंसा हुआ है।  बता दें, मेदांता को हॉस्पिटल के लिए सात एकड़ जमीन 33 सालों की लीज पर दी गयी है. इसके एवज में हॉस्पिटल सरकार को सालाना तीन करोड़ रुपये देने का प्रावधान है।

हर साल तीन करोड़ रू पर सरकार ने दे दी जमीन

बता दें,  कंकड़बाग इलाके में जयप्रभा अस्पताल की जमीन को राज्य सरकार द्वारा मेदांता को उपलब्ध करायी गई है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड (पीपीपी) में इस अस्पताल का निर्माण कराया गया है। इस अस्पताल में 25 प्रतिशत बेड सीजीएचएस की तय दरों पर जरूरतमंद मरीजों के लिए आरक्षित रखने का प्रावधान है। तय एग्रीमेंट के तहत प्रति वर्ष तीन करोड़ रुपए 6.5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ स्वास्थ्य विभाग को प्रीमियम के रूप में मिलेंगे। भविष्य में जब अस्पताल पूर्ण रूप से संचालित हो जाएगा तो वार्षिक राजस्व का एक प्रतिशत स्वास्थ्य विभाग को मिलेगा.

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