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नीतीश सरकार का बड़ा खुलासा, किशनगंज में जनसंख्या वृद्धि दर दूसरे जिलों से अधिक

नीतीश सरकार का बड़ा खुलासा, किशनगंज में जनसंख्या वृद्धि दर दूसरे जिलों से अधिक

PATNA: बिहार के किशनगंज में जनसंख्या विस्फोट की बात सामने आई है। सरकार ने विधानसभा में यह बात स्वीकार की है। किशनगंज में तीस फीसदी की दशकीय दर से जनसंख्या में वृद्धि हुई। 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार की जनसंख्या की दशकीय वृद्धि दर 25.1 प्रतिशत रही वहीं, किशनगंज की दशकीय वृद्धि दर 30. 4 प्रतिशत रही है। 

भाजपा विधायक ने सदन में उठाया सवाल

भाजपा विधायक संजय सरावगी के तारांकित प्रश्न पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने यह जवाब दिया है। मंत्री की तरफ से दिये गये जवाब में बताया गया है कि भारत की जनसंख्या 2011 के अनुसार दशकीय वृद्धि दर 17.6 फीसदी यानी वार्षिक वृद्धि दर 1.76% रही. वहीं बिहार की जनसंख्या की दशकीय वृद्धि दर 25.1 प्रतिशत यानि वार्षिक वृद्धि दर 2.51 प्रतिशत है.अगर किशनगंज की बात करें तो इस जिले में जनसंख्या की दशकीय वृद्धि दर 30.4 फीसदी और वार्षिक वृद्धि दर 3.04% है. बिहार राज्य का NFHS-4 आंकड़ों के अनुसार कुल प्रजनन दर 3.4 था जो वर्तमान में nfhs-5 के आंकडों के अनुसार घटकर 3.0 हो गया है .

किशगंज में हर साल 3.04 फीसदी की दर से बढ़ी जनसंख्या

दरअसल भाजपा विधायक संजय सरावगी ने विस में सवाल पूछा था कि क्या यह सही है कि देश में वार्षिक जनसंख्या वृद्धि दर 2.57 है .जबकि किशनगंज जिला में जनसंख्या वृद्धि दर 4.60 प्रतिशत है। इस पर सरकार ने जवाब दिया है कि 2011 की जनगणना के अनुसार किशनगंज जिले में जनसंख्या वृद्धि की वार्षिक दर सबसे अधिक 3.04 फीसदी है। सरकार ने विस में आँकड़ों के माध्यम से यह बता दिया कि अलंपसंख्यक बहुल किशनगंज में जनसंख्या वृद्धि दर दूसरों जिलों से अधिक है। अब देखना होगा कि 2021 की जनसंख्या के आधार पर किशगंज जिले में दशकीय वृद्धि कितना फीसदी होता है। 

बीजेपी लगातार उठाते रही है सवाल

बता दें,बीजेपी लगातार सवाल उठाती रही है कि अल्पसंख्यक बहुल किशनगंज में जनसंख्या काफी बढ़ी है। इसके पीछे बीजेपी नेता कई तर्क देते हैं। कुछ सालों से भाजपा नेता लगातार यह मांग कर रहे हैं कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनना चाहिए। जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक खास वर्ग के द्वारा कोई पहल नहीं की जा रही बल्कि जनसंख्या को बढ़ाने का काम किया जा रहा। ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनना चाहिए। 

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