लालू प्रसाद-राहुल गांधी की बढ़ती नजदीकियों में नीतीश कुमार हो गए दरकिनार! मांझी ने कहा - यह तो सिर्फ शुुरुआत है, अभी तो बहुत कुछ होना बाकी

AURANGABAD : मुंबई में इंडिया गठबंधन की मीटिंग जिस तरह से लालू प्रसाद और राहुल गांधी की नजदीकियां देखने को मिली और नीतीश कुमार के संयोजक बनने के सपने को फिर तोड़ दिया गया। उसके बाद से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कहीं न कही लालू प्रसाद नीतीश कुमार को उतनी अहमियत नहीं दे रहे हैं। बिहार में इस पर बयानों का दौर भी शुरू हो गया है। जिसमें पूर्व सीएम व हम के संरक्षक जीतन राम मांझी ने साफ कहा कि इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है। यह पहले से तय था। जीतन राम मांझी ने यह बातें औरंगाबाद में माउंटेन मैन दशरथ मांझी की 16वीं पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही।

 जब उनसे यह पूछा गया कि बैठक में लालू जी ने नीतीश कुमार को तहजीब नही दिया बल्कि राहुल जी की हाथ मजबूत करने की बात कहा  है , इस बिन्दु पर उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यह तो पूर्व से ही निर्धारित था और अभी तो कुछ हुआ ही नही है अभी तो बहुत कुछ होना बाकी है ।

लालू की पहुंच से बहुत दूर हैं मोदी, नरेटी नहीं दबा सकते

वहीं इस कार्यक्रम के उपरांत पत्रकारों से बातचीत के दौरान जब पत्रकारों ने यह पूछा गया की लालू यादव के द्वारा प्रधानमंत्री की गला दबाने की बात कही गई है , उन्हों ने यह बताया है कि लालू यादव की मंशा खराब नहीं है। वह इस तरह की बात मीडिया में बने रहने को लेकर बोलते है , उन्हों ने यह भी कहा कि वह मोदी जी को गला क्या दबायेगे मोदी जी उनके पहुच से बहुत दूर है मोदी जी तो अब सूर्य और चांद का भ्रमण कर रहे है जो उनकी पहुँच से बहुत दूर है।   

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 उन्होंने केन्द्र सरकार के द्वारा लाया गया प्रस्ताव वन नेशन वन इलेक्शन का पुरजोर समर्थन किया उन्हों यह भी कहा कि वन नेशन वन इलेक्सन से देश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगा  यह प्रस्ताव केन्द्र सरकार स्वागत योग्य है।

गौरतलब है कि आज औरंगाबाद के मदनपुर प्रखंड के शिव विगहा में पर्वत पुरुष दशरथ मांझी के 16 पुण्यतिथि के मौके पर पहुँचे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी जहाँ लोगो ने गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया। वहीं जीतनराम मांझी ने पर्वत पुरुष दशरथ राम मांझी के ताल चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया तथा सभा का संबोधन भी किया अपने संबोधन के दौरान पर्वत पुरुष दशरथ राम मांझी के भीष्म प्रतिज्ञा की चर्चा की। उन्होंने यह भी कहा है कि हर व्यक्ति को दशरथ राम मांझी के कर्तव्य से सबक लेना चाहिए।