PATNA:सीएम नीतीश के निश्चय को धरातल पर उतारने वाले विभाग में बड़े घोटाले की आशंका बढ़ गई है।खर्च हुए हजारों करोड़ रू का हिसाब-किताब नहीं मिल रहा।मामला पंचायती राज विभाग से जुडा है।बिहार के पंचायती राज विभाग में भारी घपले की आशंका है।सरकारी आंकड़ों की बात करें तो पूरे बिहार में 18 हजार करोड़ रु का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किया। गया है।विभाग खुद स्वीकार कर रहा है कि खर्च हुई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नही करने के मामले में पंचायती राज विभाग दूसरे नंबर पर है।
उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करें या कार्रवाई के लिए तैयार रहें
अब विभाग ने सभी पंचायती राज पदाधिकारियों को 18 हजार करोड़ रु की उपयोगिता प्रमाणपत्र तत्काल जमा करने को कहा है।इसके लिए एक माह का समय दिया गया है।अगर इस अवधि में पंचायती राज विभाग के अधिकारी लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नही करते हैं तो कार्रवाई को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग को सिफारिश की जाएगी।
बता दें कि पंचायती राज विभाग सीएम नीतीश के निश्चय को साकार करने में जुटा है।पंचायतों में नल जल और गली नाली पक्कीकरण करने का जिम्मा इस विभाग पर है।लेकिन इसमें भारी घपले की बात सामने आ रही है।पिछले महीने विभागीय समीक्षा बैठक में इसका खुलासा हुआ है कि सरकार के 18 हजार करोड़ रु का हिसाब ही नही जमा किया गया है।
देखें विभाग की स्वीकारोक्ति