DESK. कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में मिली जीत के बाद शनिवार को सिद्दरामैया ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम पद शपथ ली. वहीं उनके साथ आठ मंत्रियों ने भी शपथ ली है. शपथ ग्रहण के दौरान कांग्रेस शक्ति प्रदर्शन किया और कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा कई गैर भाजपा शासित राज्यों के सीएम भी शपथ ग्रहण में शामिल हुए. सिद्दरामैया इसके पहले वर्ष 2013 से 2018 तक राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. वे कर्नाटक के पिछले 40 साल के इतिहास में ऐसे पहले सीएम थे जिन्होंने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया था. अब एक बार फिर से उन्हें कांग्रेस ने सीएम पद की जिम्मेदारी दी है. कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने सभी को शपथ दिलाई.
शिव कुमार के उप मुख्यमंत्री बनने के अतिरिक्त डॉ. जी परमेश्वर, केएच मुनियप्पा, केजे जॉर्ज, एमबी पाटिल, सतीश जरकीहोली, प्रियांक खड़गे, रामलिंगा रेड्डी और जमीर अहमद खान ने मंत्री पद की शपथ ली. माना जा रहा है कि महीने-दो महीन के भीतर फिर से कैबिनेट का विस्तार होगा, जिसमें अन्य मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी.
शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा कांग्रेस के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे। विपक्षी नेताओं में बिहार सीएम नितीश कुमार, तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन, महबूबा मुफ्ती, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कमल हसन और हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू मौजूद रहे.
10 मई में कर्नाटक के 224 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुए. 13 मई को नतीजे आए. सत्ताधारी पार्टी भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा, वह सिर्फ 66 सीटें जीत सकी. वहीं कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत हासिल की और राज्य में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने में सफल रही है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस विपक्षी एकता की पहल को लेकर आगे बढ़े हैं. उसमें कर्नाटक में आज उनकी पहली जीत दिखी. एक मंच पर कई राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित हुए. लेकिन इसमें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, तेलेंगाना के सीएम केसीआर, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी जैसे चेहरे नजर नहीं आए. वहीं माना जा रहा है कि जल्द ही बिहार में विपक्षी एकता को लेकर एक बैठक हो सकती है. इसे लेकर नीतीश कुमार आज ही बेंगलुरु में कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेताओं से बात कर सकते हैं.