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रंग लाई नीतीश की पहल, विपक्षी दलों की पटना में होने वाली बैठक की तारीख हुई तय, जून में होगा महासियासी जुटान

रंग लाई नीतीश की पहल, विपक्षी दलों की पटना में होने वाली बैठक की तारीख हुई तय, जून में होगा महासियासी जुटान

पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने की कवायद में लगे हुए हैं. वे पिछले कुछ सप्ताह के दौरान देश के कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि पटना में सभी विपक्षी दलों की साझा बैठक बुलाई जाएगी और वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले विपक्ष पटना से अपनी एकता को प्रदर्शित करेगा. लम्बे समय से इस बात का इंतजार चल रहा था कि पटना में वह बैठक कब होगी. इसे लेकर अब स्थिति स्पष्ट होती दिख रही है. सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार ने देश के कई राजनीतिक दलों को बैठक में आमंत्रित किया है और उसके लिए तारीख भी तय कर ली गई है. 

सूत्रों की मानें तो विपक्षी दलों की यह बैठक पटना में जून के महीने से होगी. पटना में 12 जून को यह बैठक होने का अनुमान है. इसे लेकर बिहार की सत्ताधारी महागठबंधन सरकार की ओर से भीतरखाने तैयारी भी शुरू कर लेने की बातें सामने आई हैं. हालांकि सूत्रों का कहना है कि फ़िलहाल यह तय नहीं है कि किन राजनीतिक दलों ने बैठक में आने की सहमती जताई है. 

नीतीश कुमार ने पिछले दिनों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, वाम दलों के डी राजा और सीताराम येचुरी, महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और शरद पवार सहित कर्नाटक में सिद्दरामैया सरकार के शपथ ग्रहण के दौरान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन से मुलाकात की थी. नीतीश कुमार और जदयू की ओर से इन मुलाकातों के बाद बार बार यह कहा जा रहा था कि जल्द ही पटना में बैठक होगी और जब तारीख तय हो जाएगी तो सबको बता दिया जाएगा. 

अब कहा जा रहा है कि 12 जून को पटना में बैठक की तारीख तय कर ली गई है. इसमें शामिल होने के लिए नीतीश कुमार ने कई सियासी दलों को बुलावा भेजा है. बैठक में यह दिखाने की कोशिश होगी कि विपक्ष एकजुट है. भाजपा के खिलाफ पूरे देश में विपक्ष इसी तरह अपनी एकजुटता दिखाएगा. साथ ही बैठक में इस फार्मूला भी चर्चा होगी कि विपक्षी दल कैसे सीटों का बंटवारा करे. हालांकि यह तय नहीं है कि इस एकता को यूपीए को नए रूप में पुनरावृत करना है या फिर यह कोई नया गठबंधन होगा. लेकिन अगर 12 जून को विपक्ष की बैठक पटना में होती है तो यह नीतीश की उस पहल की पहली सफलता होगी जिसमें वे केंद्र मोदी सरकार को घेरने के लिए सभी दलों को एक साथ लाना चाहते हैं. 


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