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ऑपरेशन जदयू : आरसीपी को सेट करने प्लान तैयार, जदयू को मिलेगा नया राष्ट्रीय अध्यक्ष!

ऑपरेशन जदयू : आरसीपी को सेट करने प्लान तैयार, जदयू को मिलेगा नया राष्ट्रीय अध्यक्ष!

PATNA : लोजपा के बाद बिहार की सियासत में जल्द ही एक और बड़े बदलाव की तैयारी है। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार की जदयू में अगले कुछ दिन में नई टीम बनाई जा सकती है। साथ ही पिछले साल दिसंबर में पार्टी की कमान संभालनेवाले आरसीपी सिंह को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी से भी मुक्त किया किया जा सकता है। उनकी जगह पार्टी की जिम्मेदारी रालोसपा का विलय कराने के बाद जदयू में वापस लौटे उपेंद्र कुशवाहा को यह जिम्‍मेदारी दी जा सकती है। पिछले कई साल से पार्टी में अहम जिम्मेदारी सवाल उठा रहे आरसीपी को अब केंद्र की राजनिति में भेजने की तैयारी है।  हालांकि अभी इस पर अधिकारिक मोहर लगना बाकी है।

लव कुश समीकरण पर है नीतीश की नजर

जिस तरह से लोजपा में टूट हुई है। इसके बाद यह साबित हो गया है कि बिहार में फिलहाल नीतीश कुमार जैसी राजनीतिक सोच रखनेवाला कोई नहीं है। अब अपनी पार्टी के कम होते जनाधार को फिर से बनाए रखने के लिए नीतीश कुमार उपेंद्र कुशवाहा एक बड़ा दांव खेलने जा रहे हैं। दो माह पहले ही उन्हें नीतीश कुमार ने न सिर्फ एमएलसी बनाया, बल्कि पार्टी के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया था। अब उपेंद्र कुशवाहा को जदयू की कमान सौंपने की बात कही जा रही है। बता दें जदयू के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी उमेश कुशवाहा के पास है। अब राष्ट्रीय स्तर पर भी कुशवाहा समाज को पार्टी की जिम्मेदारी सौंप कर नीतीश कुमार अपने लव-कुश समीकरण को मजबूत करना चाहते हैं। बिहार में कुर्मी और कुशवाहा वोटर पर जदयू की पहले भी अच्‍छी पकड़ मानी जाती रही है। कुशवाहा के लौटने और उनको आगे बढ़ाने से यह कड़ी और मजबूत होगी। 


क्या आरसीपी से दूर हो रहे हैं नीतीश

जदयू में फिलहाल अध्यक्ष की कमान आरसीपी सिंह के पास है, जो नीतीश के बेहद करीबी माने जाते रहे हैं। लेकिन, जबसे उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू में वापसी की है, आरसीपी सिर्फ पार्टी गतिविधियों तक सीमित रह गए हैं। पिछले कुछ दिनों से यह देखा भी जा रहा है कि जबभी नीतीश कुमार पर कोई राजनीतिक हमला होता है, उपेंद्र कुशवाहा ही उसका जवाब देते नजर आते हैं। इन सबके बीच नीतीश कुमार और आरसीपी के बीच दूरियां बढ़ी हैं। यही कारण है कि कि जदयू के मौजूदा राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में भेजकर पार्टी की सक्रिय राजनीति से अलग करने की कवायद शुरू हो गई है। अगले सप्ताह मोदी कैबिनेट का विस्तार होना है और बिहार से तीन लोगों के मंत्री बनने की बात कही जा रही है। कुछ दिन पहले ही आरसीपी यह कह चुके हैं कि उनका दल केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए तैयार हैं। चर्चा है कि नीतीश कुमार ने भी उनके नाम पर मुहर लगा दी है।

सवाल कुशवाहा के अध्यक्ष बनने पर पार्टी में कितने लोग होंगे खुश

जदयू में अगर उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपे जाने की चर्चा को लेकर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि उपेंद्र कुशवाहा को अध्यक्ष बनाए जाने पर पार्टी में मतभेद उभर कर सामने आ सकते हैं। जदयू में कई ऐसे नेता हैं जो कुशवाहा के अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध कर सकते हैं। जिनमें ललन सिंह का नाम सबसे ऊपर है। ललन सिंह को जदयू का चाणक्य माना जाता है। जोड़ तोड़ की राजनीति में उनसे बेहतर कोई नहीं कर सकता है। हाल में लोजपा में टूट में ललन सिंह की बड़ी भूमिका मानी जा रही है। ऐसे में ललन सिंह को बड़ी जिम्मेदारी मिलने की संभावना जताई जा रही थी। ऐसी चर्चा थी कि उन्हें भी केंद्र में भेजा सकता है, लेकिन अब इसकी संभावना कम हो गई है. वहीं पार्टी अध्यक्ष पद से भी वंचित होने पर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि ललन सिंह गुट नीतीश कुमार के फैसले का विरोध कर सकता है। अब पार्टी किस तरफ करवट लेगी, यह सीएम नीतीश कुमार ही तय करेंगे।


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