पटना। नीतीश सरकार के अफसरों को सच से नफरत है। मीडिया अगर सच दिखाती है तो पाबंदी लगा दी जाती है। स्वास्थ्य विभाग के आदेश पर पीएमसीएच प्रशासन ने ऐसा ही निर्णय लिया है। हाल के दिनों में पीएमसीएच की कुव्यवस्था लगातार उजागर हो रही थी। इसके बाद पीएमसीएच में फोटो लेने पर पाबंदी लगा दी गई है। पीएमसीएच में मरीजों की परेशानी को आम लोगों तक पहुंचाने एवं दिखाने में मीडिया को रोकने की भरपूर कोशिश की गई ताकि सुशासन की पोल न खुले।
पीएमसीएच प्रशासन ने अस्पताल के दर्जनों जगहों पर फोटो और वीडियो लेने पर रोक लगाने का पोस्टर लगा दिया है। अस्पताल प्रशासन ने इसे कोरोना के कारण उठाया गया कदम बताया है। यानी कि इस तालिबानी फरमान को लागू करने में कोरोना को आधार बनाया गया है। अस्पताल प्रशासन की बिना सहमति के आप फोटो या वीडियो ग्राफी नहीं कर सकते हैं ।अब भला बताइए, अस्पताल प्रशासन अपनी करनी का फोटोग्राफी वीडियोग्राफी करने की इजाजत तो दे नहीं सकता..... लिहाजा कुव्यवस्था की पोल कैसे खुलेगी?
PMCH की दीवारों पर पोस्टर लगा है उसमें लिखा गया है कि वार्ड, आउटडोर, इंडोर, आकस्मिक एवं अन्य संवेदनशील स्थानों में कहीं भी बिना अनुमति के फोटो वीडियो बनाना सख्त मना है.... आदेशानुसार PMCH प्रशासन।
बतां दे कि पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों को होनेवाली परेशानियों को कुछ मीडियाकर्मी कवर करने पहुंचे थे, लेकिन अस्पताल के गार्डस ने मीडियाकर्मियों की पिटाई कर दी। जिसके बाद से अस्पताल प्रबंधन मीडिया के निशाने पर आ गई थी. लेकिन अपनी आलोचना से घबराए अस्पताल प्रबंधन ने ऐसा निर्णय लिया है।