पटना. भ्रष्टाचार के आरोपी उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश के ठिकानों पर रेड के बाद भी निलंबित होने से बच गए, पर केके पाठक को झांसा देकर गायब रहने में बुरी तरह से फंस गए थे। जानकारी होने के बाद मद्ध निषेध विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने 22 दिसंबर 2022 को ही सस्पेंड कर दिया था. आठ महीने बाद अब जाकर ये निलंबन मुक्त हुए हैं. हालांकि अभी ये फील्ड पोस्टिंग से दूर रहेंगे, क्यों कि विभागीय कार्यवाही संचालित है. विभाग ने यह नियम बना रखा है कि भ्रष्टाचार जैसे गंभीर केस के आरोपी अधिकारियों को फील्ड पोस्टिंग नहीं दी जायेगी. तत्कालीन एसीएस के समय से ही यह व्यवस्था सख्ती से लागू है. अविनाश प्रकाश को विभाग ने निलंबन मुक्त तो किया , लेकिन फील्ड पोस्टिंग देने से मना कर दिया है. बता दें, निबंधन विभाग के कई अधिकारी जिनके ठिकानों पर निगरानी-विशेष निगरानी या आर्थिक अपराध इकाई ने डीए केस में छापेमारी की है, उन सभी को निलंबन मुक्त तो किया गया, पर फील्ड पोस्टिंग देने से साफ मना कर दिया गया है.
अंतिम जांच रिपोर्ट के बाद ही फील्ड पोस्टिंग
बेगूसराय के तत्कालीन उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश को अनधिकृत रूप से गैरहाजिर रहने, कर्तव्य के प्रति लापरवाही, अनुशासनहीनता एवं स्वेच्छाचारिता के आरोप में 22 दिसंबर 2022 को निलंबित किया गया था. निलंबन के दौरान इनका मुख्यालय अधीक्षक कार्यालय अररिया बनाया गया था. मद्ध निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने 16 अगस्त के प्रभाव से इनका निलंबन तोड़ा है. हालांकि इन्हें फील्ड पोस्टिंग से दूर रखा गया है. विभाग की अधिसूचना में कहा गया है कि निकट भविष्य में अविनाश प्रकाश का फील्ड पोस्टिंग नहीं किया जाएगा. जब तक की अंतिम जांच प्रतिवेदन विभाग को नहीं मिल जाता है. निलंबन मुक्त होने के बाद अविनाश प्रकाश को मुख्यालय में योगदान देने को कहा गया.
दिसंबर 2021 में अविनाश प्रकाश के ठिकानों पर हुई थी छापेमारी
बता दें, आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में विशेष निगरानी इकाई ने दिसंबर 2021 में मोतिहारी के तत्कालीन उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश के ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी के बाद जांच एजेंसी ने दावा किया था कि आय से काफी अधिक संपत्ति का पता चला है. अविनाश प्रकाश के खिलाफ दर्ज डीए केस की जांच अभी भी जारी है. हालांकि रेड के बाद भी मद्य निषेध विभाग ने उन्हें निलंबित नहीं किया था। सिर्फ मोतिहारी से स्थानांतरित किया गया। कुछ दिनों के बाद अविनाश प्रकाश को बेगूसराय में उत्पाद अधीक्षक के पद ही पोस्टिंग कर दी गई थी. तब विभाग के इस निर्णय पर सवाल भी खड़े हुए थे।
विशेष निगरानी इकाई ने अविनाश प्रकाश के खिलाफ 7 दिसंबर 2021 को डीए केस दर्ज किया था. इसके बाद मोतिहारी समेत कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी. एसवीयू की तरफ से बताया गया है कि इनके खिलाफ दर्ज केस अनुसंधान में है. मद्ध निषेध विभाग ने भी विभागीय कार्यवाही प्रारंभ की है.
