KATIHAR : अपने शौक पूरा करने के लिए महंगी महंगी गाड़ियों पर लोग अपने लाखों रुपए खर्च कर देते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो इन महंगी गाड़ियों की जगह अपने पैसे नावों पर खर्च करते हैं। कटिहार का अमदाबाद प्रखंड ऐसा ही इलाका है। जहां लोग बड़े पैमाने पर नाव के निर्माण में जुटे हुए है। हालांकि यह उनका शौक नहीं, बल्कि मजबूरी है।
दरअसल, तीन नदियों गंगा,महानंदा और कोसी नदी से घिरे कटिहार जिला में सरकारी नाव के साथ-साथ अक्सर बाढ़ के दस्तक से पहले ही लोग निजी स्तर पर भी नव निर्माण करवाते हैं ताकि उन लोगों के लिए बाढ़ दौरान यातायात व्यवस्था में कोई परेशानी ना आए। लोग एक से डेढ़ लाख रुपया खर्च कर अपना नाव बनवाते है,बाढ़ के मौसम में कभी सरकारी स्तर पर इन नाव को भाड़े पर भी लिया जाता हैं। मगर अधिकतर समय इस इलाके के लोग बाढ़ की समस्या को देखते हुए निजी सुविधा के लिए नाव निर्माण करवा कर रखते हैं। कई लोग हर साल सिर्फ लोगों की सेवा के लिए नाव बनवाते हैं।
बाढ़ के दस्तक सरकार और प्रशासन के व्यवस्था से अलग निजी स्तर तैयार किए जा रहे नाव बाढ़ के दौरान इलाके के लोगों के लिए लाइफ लाइन का एकमात्र साधन है यह अगर कहा जाए तो शायद ही गलत होगा और इसलिए एक बार फिर बाढ़ के आहट के साथ ही कटिहार में नाव निर्माण का कार्य जोड़ो पर है।
सरकार से नहीं मिलती कोई मदद
हर साल बाढ़ से निकलने के लिए बेहद कारगर नावों के लिए ज्यादातर लोग अपने पास से पैसे खर्च करते हैं। इनका कहना है कि सरकार की तरफ से किसी प्रकार की सहायता नहीं मिलती है। सारी व्यवस्था खुद ही करनी होती है।