कई दिनों से पुलिस के लिए सिरदर्द बना कुख्यात राजेश ठाकुर एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया है। एसटीएफ को खबर मिली थी कि राजेश ने अपना ठिकाना भागलपुर में बना रखा है। वो पहचान छिपाकर वहां रह रहा था। खबर की पुष्टि होते ही एसटीएफ के आईजी कुंदन कृष्णन ने एक टीम का गठन किया और छापेमारी के लिए भागलपुर भेज दिया। पुलिस फूंक-फूंककर कदम उठा रही थी क्योंकि शातिर राजेश कई बार पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। इसीलिए इस बार पूरी सावधानी बरती जा रही थी। राजेश के मोबाइल को भी सर्विलांस पर डाला गया था। हालांकि बार-बार वो अपना नंबर बदल रहा था। आईजी कुंदन कृष्णन खुद इस ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे थे। इसी बीच एसटीएफ को पता चलता है कि शातिर राजेश अपने गांव में छिपा हुआ है। अकबर नगर थाना को सचेत किया जाता है। राजेश का गांव दुधैला बैकठपुर इसी थाना क्षेत्र में पड़ता है। गांव को चारों ओर से घेर लिया जाता है।
इधर, राजेश को भनक तक नहीं लगती है और एसटीएफ के जवान उसके घर पर धावा बोल
देते हैं। राजेश हक्का-बक्का रह जाता है और एसटीएफ के जवान उसे अपने कब्जे में ले
लेते हैं। पूरे घर की तलाशी ली जाती है। चप्पे-चप्पे को खंगाला जाता है। भारी
मात्रा में घर से हथियारों का जखीरा बरामद होता है।