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एके47 लहराने वाले कुख्यात पप्पू देव की पुलिस मुठभेड़ के बाद हर्ट हटैक से मौत, बिहार से नेपाल तक था खौफ

एके47 लहराने वाले कुख्यात पप्पू देव की पुलिस मुठभेड़ के बाद हर्ट हटैक से मौत, बिहार से नेपाल तक था खौफ

सहरसा. बिहार के कुख्यात वांटेड पप्पू देव की शनिवार रात पुलिस मुठभेड़ के दौरान हर्ट अटैक होने से मौत हो गई. पप्पू देव सन 2000 के दौर में बिहार और नेपाल का मोस्ट वांटेड हुआ करता था. सूत्रों के अनुसार शनिवार रात भी पप्पू देव अपने कुछ समर्थकों के साथ सहरसा के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत सराही में एक जमीन की जबरन घेराबंदी कराने पहुंचा था. हालाँकि इसी दौरान पुलिस को इसकी भनक लगी और पुलिस ने छापेमारी कर दी. 

पुलिस को पहुंचा देख पप्पू देव और उसके साथी वहां से भागने लगे लेकिन पुलिस ने तीन अपराधियों को वहां से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस बिहरा थाना क्षेत्र अंतर्गत पप्पू देव के घर पहुंची तथा वहां भी छापामारी की। इसी दौरान पुलिस को पता चला कि पप्पू देव पास के ही चिमनी भट्ठा के नजदीक एक मकान में सोया है. 

पुलिस ने जब वहां छापेमारी की तो पप्पू देव वहां से भागने लगा. इस दौरान पप्पू समर्थकों के फायरिंगी करने की बात कही जा रही है. वहीं दीवार फांदकर भागने के क्रम में पप्पू देव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. पुलिस हिरासत में रात करीब 2 बजे पप्पू देव के सीने में दर्द की शिकायत हुई. उसे सदर अस्पताल के आईसीयू में दाखिल कराया गया लेकिन बाद में हालत गंभीर होता देख वहां से रेफर कर दिया गया. सुबह करीब 4 बजे पप्पू को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. पुलिस को पप्पू देव के पास से एक ऑटोमेटिक रायफल, तीन पिस्टल, तीन कट्टा और बड़ी संख्या में गोलियां बरामद हुई हैं. 

तीन दशक से ज्यादा समय तक उत्तर बिहार में पप्पू देव का कौफ रहा. उन पर नेपाल के कुछ बड़े उद्योगपतियों का अपहरण करने सहित बिहार में दर्जनों अपहरण को अंजाम देने का आरोप लगा था. पप्पू देव के पास एके47 जैसे अत्याधुनिक हथियारों का बड़ा जखीरा होने की बात कही जाती है. न सिर्फ सहरसा और सीमांचल सहित नेपाल में पप्पू देव के नाम कई मामले दर्ज थे बल्कि बिहार की राजधानी पटना और मोकामा में भी उसका आपराधिक रिकॉर्ड रहा. सन 2002-03 में पप्पू देव पर मोकामा के कुछ अपराधियों के साथ मिलकर अपहरण की बड़ी घटनाओं को अंजाम देने का आरोप लगा था. 

उसने राजनीति में भी हाथ आजमाया लेकिन विधानसभा पहुंचने का उसका सपना अधुरा रहा. हालाँकि उसकी पत्नी ने कई बार चुनाव लड़ा. पप्पू देव सन 1990 के दशक से ही सहरसा और सीमांचल के कई जिलों में आंतक का दूसरा नाम रहा है. उस पर पड़ोसी देश नेपाल में भी अपहरण की घटनाओं को अंजाम देने का आरोप लगा था. कुछ वर्ष पूर्व हुई गिरफ्तारी के बाद फ़िलहाल वह जमानत पर बाहर था. अपराध से राजनीति की दुनिया तक पप्पू देव ने हाथ आजमाए थे. हालाँकि वह विधायक नहीं बना लेकिन अपने समर्थकों के बीच विधायक जी के नाम से मशहूर था.  उस पर कोसी के इलाके में 150 से ज्यादा हत्या, रंगदारी, अपहरण आदि के आरोप में मामले दर्ज थे. पूर्व सांसद आनंद मोहन और पप्पू यादव से भी पप्पू देव के छतीस के रिश्ते कहे जाते हैं. 2000 के दशक में नेपाल के बड़े व्मुयवसायी तुलसी अग्रवाल और फ्फरपुर में सब रजिस्ट्रार सुरदेव नारायण सिंह के अपहरण के मामले में पप्पू देव काफी चर्चित रहा था. वहीं 2003 में 50 लाख रुपए के जाली नोट के साथ उसे नेपाल में गिरफ्तार किया गया था.



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