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नीतीश सरकार की जातीय गणना पर अब कांग्रेस ने उठाए सवाल... MLA अजीत शर्मा ने बिहार सरकार को घेरा

नीतीश सरकार की जातीय गणना पर अब कांग्रेस ने उठाए सवाल... MLA अजीत शर्मा ने बिहार सरकार को घेरा

पटना. बिहार में जातीय गणना सर्वे रिपोर्ट भले ही सार्वजनिक की जा चुकी हो. लेकिन, इस रिपोर्ट पर कई राजनीतिक दलों ने सवाल उठाये हैं. अब इसी क्रम में बिहार की नीतीश सरकार में शामिल कांग्रेस ने भी फिर से जातीय गणना सर्व पर गंभीर सवाल उठाये हैं. भागलपुर से कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने इसे लेकर 6 नवंबर को विधानसभा सत्र के दौरान एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी दिया था. हालांकि उनका ध्यानाकर्षण स्वीकृत नहीं हो पाया. अजीत शर्मा ने कहा है कि 'बहुत सारे लोगों ने मुझे कहा था कि जातीय गणना में उनका नाम छूट गया या छोड़ दिया गया। इसलिए आज मैंने यह ध्यानाकर्षण दिया था परंतु यह स्वीकृत नहीं हो पाया लेकिन मैं इसके साथ हूं कि लोगों का नाम छूटा है।'

इसे लेकर दिए ध्यानाकर्षण में उन्होंने कहा कि राज्य में जाति आधारित गणना, 2022 करायी गयी है जिसे दिनांक-02 अक्टूबर, 2023 को प्रकाशित किया गया है। इस गणना के डाटा को न तो किसी Website पर अपलोड किया गया है और न ही इसमें Search और Add Option दिया गया है । फलस्वरूप राज्य में एक भ्रम की स्थिति है । लोग अपना नाम तलाशना चाहते हैं लेकिन मिल नहीं रहा है । उदाहरणस्वरूप पटना के ही कुछ मुहल्लों यथा महावीर कॉलोनी, साईचक, बेटर और आशियाना ए०जी० पथ पर अवस्थित नीलकंठ कॉलोनी, सेक्टर-2, खाजपुरा में पाम व्यू हॉस्पिटल के पीछे रहने वालों की गणना नहीं की गयी है। 

उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोगों ने लिखित शिकायत भी विभाग में की है। अधिकांश आबादी जिनका नाम छूटा है वह सामान्य जाति की है । जाति आधारित गणना में नाम छूट जाने के कारण सामान्य जाति में एक भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है कि उसकी गणना जानबूझकर छोड़ी गयी है ताकि उनका प्रतिशत कम दर्शाया जा सके । अतः छूटे लोगों को जोड़ने हेतु राज्य में हुई जाति आधारित गणना, 2022 के डाटा को Website पर अपलोड कर उसमें Search एवं Add Option रखे जाने हेतु सरकार का ध्यान आकृष्ट करता हूं।

इसे लेकर अजीत शर्मा ने बिहार विधान सभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली के नियम 104 के अधीन ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया था. लेकिन उनके ध्यानाकर्षण को स्वीकृत नहीं किया गया.

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