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अब एनडीए में कितने रौशन होंगे चिराग! सताने लगा डर, भारी न पड़ जाएं चाचा,पढ़ लीजिए पूरी खबर

अब एनडीए में कितने रौशन होंगे चिराग! सताने लगा डर, भारी न पड़ जाएं चाचा,पढ़ लीजिए पूरी खबर

पटना- केंद्र की सत्ता के लिए बिहार और यूपी को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.लोकसभा चुनाव की रणभेरी दो महीने बाद बजने वाली है.आम चुनाव के घोषणा से पहले हीं बिहार में सियासी उठल पुथल के बीच लोजपा (रा) के सुप्रीमों चिराग पासवान ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकार की.सीएम नीतीश कुमार राजद से रिश्ता खत्म कर एक बार फिर से एनडीए का रुख कर सकते हैं.वहीं  दिल्ली से लेकर बिहार में बैठकों का दौर जारी है.  आज यानी 27 जनवरी की सुबह चिराग केंद्रीय गृह मंत्री के घर पहुंचे.  पत्रकारों से बात करते हुए सांसद चिराग पासवान  ने बताया कि गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात के दौरान उन्होंने अपनी पार्टी जनशक्ति पार्टी (रा) के बारे में बात की. सीटों के बंटवारे समेत कई अहम मुद्दों पर विस्तार से बात हुई.

 चिराग पासवान ने कहा कि  वे सूबे  के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर हमारी नजर बनी हुई है. सीएम नीतीश के बारे में चिराग ने कहा कि जब तक कोई आधिकारिक पुष्टी नहीं हो जाती तब तक इस बारे में कुछ भी कहना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अभी भी महागठबंधन का ही हिस्सा हैं.

चिराग पासवान को नीतीश कुमार का कट्टर विरोधी माना जाता है. कई मौकों पर उन्होंने नीतीश के खिलाफ खुल कर बोला है. चिराग पासवान पहले से ही एनडीए के  हिस्सेदार हैं. दरअसल चिराग और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच संबंध तल्ख हैं. चिराग और पशुपति हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर लेकर अपना अपना दावा छोक रहे हैं.  नीतीश कुमार की पसंद पशुपति पारस है. कथित तौर पर एलजेपी के दो धड़ों में बंटवारे के पीछे नीतीश को हीं माना जाता है.

चिराग की परेशानी ये है कि पिछली बार उन्हें लोकसभा के लिए छह सीटों पर चुनाव लड़ा था. इस बार मांझी और उपेंद्र कुशवाहा भी एनडीए के हिस्सा है. नीतीश का एनडीए में शामिल होने की सूरत में चिराग कहीं डरे तो नहीं हैं. नरेंद्र मोदी के हनुमान चिराग को भाजपा छोड़ना नहीं चाहेगी और चिराग खुद एनडीए से विलग रास्ता नहीं अख्तियार करना चाहेंगे. लेकिन चिराग को डर है कि उनका सीट शेयरिंग कम न हो और नीतिश के एनडीए में आने के बाद पशुपति पारस उनपर हावी न हो जाएं. कहीं नीतीश पारस की दिल्लगी चिराग पर हावी न पड़ जाए,हर तो है चिराग को.


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