रोहतास- जिला के रोहतास नगर पंचायत के द्वारा एक गेट पर लिखे गए 'स्लोगन' को लेकर विवाद हो गया। बताया जाता है कि रोहतास नगर पंचायत के प्रवेश द्वार पर लगा साइन बोर्ड के ऊपर वेलकम स्लोगन लिखा गया। जिसमें लिखा गया कि "राजा रोहितेश्वर तथा राजा अकबर की धरती पर आपका स्वागत है।" इस स्लोगन लिखे जाने के बाद विवाद हो गया है। एक पक्ष के लोगों का कहना है कि यह मुगलिया सोच है जो रोहतास को 'राजा अकबर की धरती' कहा जा रहा है।
कुछ लोग इसके लिए नगर परिषद के मुख्य पार्षद शंबूल आरा तथा उप मुख्य पार्षद नसीमा खातून को बता रहे हैं। स्थिति यह हो गई की प्रशासन को शांति समिति की बैठक बुलानी पड़ी। प्रवेश द्वार के बोर्ड पर से अकबर तथा रोहिताश्व दोनों का नाम हटाया गया, तब जाकर मामला को शांत कराया गया।
बताया जाता है कि रोहतास जिला का नाम राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहितेश्वर के नाम पर पड़ा है। लेकिन रोहतास प्रखंड का मुख्यालय अकबरपुर मौजा में है। ऐसे में नगर पंचायत के द्वारा रोहिताश्व की धरती के अलावा राजा अकबर की धरती लिख दिया गया। इसके बाद कई लोगों ने आपत्ति दर्ज की। इसके बाद उक्त साइन बोर्ड पर स्टीकर लगा दिया गया। लेकिन इतने में रोहतास के दोस्त नगर पंचायत के दो समुदाय में तनातनी की स्थिति हो गई।
इसके बाद प्रशासन को शांति समिति की बैठक बुलाई पड़ी। जिसमें दोनों पक्षों को शांत कराया गया तथा बोर्ड पर से राजा अकबर के साथ राजा रोहिताश्व के नाम को भी हटाया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि विवाद जैसी कोई बात नहीं थी। चुकी यह इलाका राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व से जुड़ा हुआ है। इसलिए रोहितेश्वर बॉर्डर पर लिखा गया था।
चुकी नगर पंचायत रोहतास एवं प्रखंड मुख्यालय, रोहतास थाना आदि अकबरपुर गांव में है। इसलिए राजा अकबर का नाम लिख दिया गया।
बताया जाता है कि सम्राट अकबर का इस इलाके से विशेष संबंध नहीं रहा है। इतिहास में राजा मानसिंह ने यहां शासन किया था। जो अकबर के अधीन थे। इस संबंध में नगर परिषद पंचायत रोहतास के कार्यपालक पदाधिकारी कृष्ण स्वरूप ने बताया कि नगर पंचायत के सशक्त अस्थाई समिति के द्वारा पारित निर्णय के आलोक में ही बॉर्ड पर राजा अकबर एवं रोहिताश्व का नाम लिखा गया था। लेकिन जब कुछ लोगों ने आपत्ति दर्ज की तो इसे हटा लिया गया। इसमें किसी के भावना को आहत करने की कोई मनसा नहीं थी।
रिपोर्ट- रंजन सिंह