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अब सर्टिफिकेट लेना भी हुआ महंगा, बिहार बोर्ड ने 15 साल पुराने सर्टिफिकेट, मार्क्सशीट निकालने की फीस में की पांच गुना वृद्धि, अब इतना पैसा देना होगा

अब सर्टिफिकेट लेना भी हुआ महंगा, बिहार बोर्ड ने 15 साल पुराने सर्टिफिकेट, मार्क्सशीट निकालने की फीस में की पांच गुना वृद्धि, अब इतना पैसा देना होगा

PATNA : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) ने 15 साल पुराने कोई भी सर्टिफिकेट निकलवाने की फीस 5 गुनी बढ़ा दी है यानी अब आपको 15 साल पुरानी मार्क्सशीट, सर्टिफिकेट, प्रोविजनल, माइग्रेशन या कोई अन्य प्रमाण पत्र निकलवाना हो तो 5 गुनी फीस यानी 2500 रुपये देने होंगे। यही नहीं 15 साल बाद जल्दी और तत्काल में भी सर्टिफिकेट के लिए 2500 ही लगेंगे। 

हालांकि वर्तमान में दूसरी या तीसरी बार जल्दी सर्टिफिकेट के लिए 500 रुपये ही शुल्क देना होगा। इसमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गयी है। हाल के सालों में पास छात्रों के लिए सिर्फ दो सौ रुपये ही फीस रखा गया है। वहीं बोर्ड से पास करने के 5 साल तक 500 रुपये और पास करने से दस साल या उससे ऊपर के लिए 1000 रुपये आवेदन के लगेंगे। बिहार बोर्ड द्वारा मैट्रिक और इंटर के द्वितीय प्रमाण पत्र, द्वितीय या तृतीय अंक पत्र औपबंधिक प्रमाण पत्र आदि के शुल्क को संशोधित किया है। बोर्ड द्वारा आयोजित पांच सितंबर 2022 की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। वहीं 16 सितंबर को बोर्ड सचिव ने इसे लागू कर दिया। इसके बाद बोर्ड के सभी नौ प्रमंडल के क्षेत्रीय कार्यालय में इसे सोमवार को नोटिस बोर्ड पर चिपका दिया गया है। बोर्ड प्रशासन की मानें तो सोमवार यानी 19 सितंबर से इसे लागू कर दिया गया है। 

बोर्ड की मानें तो मैट्रिक और इंटर के 1980 से अब तक सारे प्रमाण पत्र को डिजिटल की दिया गया है। लेकिन उससे पहले का प्रमाण पत्र अभी मैनुअल ही दिया जा रहा है। ऐसे में 1980 के पहले वाले छात्र अगर अपना प्रमाण पत्र निकलाते है तो इसके प्रोसेस के लिए प्रोसेस शुल्क देना होगा। प्रोसेस शुल्क अलग-अलग निर्धारित की गयी हैं। ज्ञात हो कि पहले बोर्ड द्वारा प्रोसेस शुल्क नहीं ली जाती थी।

कई वर्षों तक आते रहते हैं आवेदन इसलिए लिया गया निर्णय, प्रोसेसिंग फीस भी तय की गई

बोर्ड के आदेश में कहा गया है कि रिजल्ट निकलने के कई सालों बाद भी आवेदन आते रहते हैं, जिनके लिए एक ही शुल्क निर्धारित है। इसलिए माध्यमिक, उच्च माध्यमिक एवं विविध के छात्रों को ऐसे सर्टिफिकेट जारी करने के लिए यह शुल्क तय किया गया है। साथ ही प्रमाण पत्रों को जारी करने के लिए प्रोसेसिंग फीस लेने का भी निर्णय लिया गया है। मैट्रिक, इंटर व डीएलएड के पुनरीक्षण के लिए 120 रुपये लिया जायेगा।

पहले एक जैसा था शुल्क

बिहार बोर्ड द्वारा संशोधित शुल्क में वर्तमान वर्ष से लेकर 15 वर्ष और उससे उपर के वर्ष का अलग-अलग शुल्क निर्धारित किया गया है। लेकिन यह पहले नहीं था। किसी भी साल का प्रमाण पत्र या अंक पत्र निकालने पर पांच सौ रूपये शुल्क के तौर पर लगते थे। लेकिन अब इसमें संशोधित कर दिया गया है। 

द्वितीय प्रमाण पत्र के लिए अब लगेगा प्रोसेसिंग फीस (प्रक्रिया शुल्क)

प्रमाण पत्र का प्रकार      -      शुल्क

द्वितीय प्रमाण पत्र       -        175 रूपये

पुनरीक्षण             -         120 रूपये

द्वितीय अंक पत्र        -         125 रूपये

प्रवेश पत्र (परीक्षा उत्तीर्ण होने से अगले दस साल तक)  -   100 रूपये

नोट  - यह मैट्रिक, इंटर  और डीएलएड परीक्षा हेतु संशोधित किया गया शुल्क

सभी तरह के प्रमाण पत्र की द्वितीय या तृतीय प्रति

प्रमाण पत्र             -    निर्धारित शुल्क

परीक्षा का वर्तमान वर्ष    -     दो सौ रूपया

उत्तीर्णता वर्ष से पांच वर्ष तक  -    पांच सौ रूपया

उत्तीर्णता वर्ष से दस वर्ष तक   -    एक हजार

उत्तीर्णता वर्ष से 15 वर्ष एवं इससे उपर तक  -   25 सौ

अविलंब या तत्काल के लिए    -    निर्धारित शुल्क के अतिरिक्ति पांच सौ रूपये देने होंगे


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