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सुशासन राज में बेलगाम अफसरशाही! विस अध्यक्ष के आदेश की भारी अवहेलना, कार्यवाही के दौरान अब MLA के साथ 'अध्यक्ष' को भी किया आमंत्रित

सुशासन राज में बेलगाम अफसरशाही! विस अध्यक्ष के आदेश की भारी अवहेलना, कार्यवाही के दौरान अब MLA के साथ 'अध्यक्ष' को भी किया आमंत्रित

DESK: बिहार विधानसभा अध्यक्ष की चेतावनी के बाद भी सुशासन राज के अफसरों पर कोई असर नहीं पड़ रहा। तीन दिन पहले विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा विधायक के सवाल उठाने पर खुद विस अध्यक्ष ने संज्ञान लिया था और सरकार से साफ कहा था कि सत्र के दौरान अफसर विधायकों के लिए कोई कार्यक्रम नहीं रखें।अगर ऐसा करते हैं तो विशेशाधिकार हनन के तहत एक्शन लिया जायेगा। आसन के आदेश के 3 दिन बाद ही सुशासन राज के अफसर ने विधानसभा अध्यक्ष के गृह जिले में ही नियम को तार-तार कर दिया। हद तो तब हो गई जब विधायकों की बात छोड़िए खुद विस अध्यक्ष को ही कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर दिया गया। 

12 मार्च को विस का सत्र और MLA के साथ अध्यक्ष को भी बुलाया गया

ताजा मामला लखीसराय से जुड़ा है जहां के डीएम ने 4 मार्च को एक पत्र जारी किया है। लखीसराय डीएम ने जिला मुख्यालय का मास्टर प्लान तैयार करने को लेकर आयोजना क्षेत्र के सीमांकन की आहूत बैठक में भाग लेने के संबंध में सभी को पत्र जारी किया है. पत्र मुंगेर के सांसद राजीव रंजन सिंह, विधायक प्रहलाद यादव, विधान पार्षद एन.के. यादव और संजय प्रसाद, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा जो लखीसराय से विधायक हैं उनके आप्त सचिव के अलावा अन्य माननीय को पत्र लिखा गया है. पत्र में कहा गया है कि लखीसराय नगर परिषद एवं इससे सटे शहरी क्षमता वाले ग्रामीण क्षेत्रों का मास्टर प्लान आगामी 20 वर्षों की आबादी को ध्यान में रखते हुए तैयार करना है. इस उद्देश्य से लखीसराय आयोजना क्षेत्र का प्रारूप तैयार किया गया है .आपत्ति एवं सुझाव तथा उस प्रारूप पर विचार करने के लिए 12 मार्च 2021 को एक बैठक आहूत की गई है. लखीसराय डीएम ने इस बैठक में सभी माननीयों से 11:30 बजे से भाग लेने की गुजारिश की है।

संजय सरावगी ने ऐसा ही मामला उठाया था

बता दें,तीन दिन पहले दरभंगा के भाजपा विधायक संजय सरावगी ने विधानसभा सत्र की शुरुआत के साथ ही यह सवाल उठाया था कि दरभंगा नगर निगम के आयुक्त ने मोबाइल पर मैसेज भेज कर कार्यक्रम उद्घाटन की सूचना दी है. जबकि उन्हें पता है कि सदन चल रहा है. सरावगी ने कहा था कि जानबूझकर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. ऐसे में नगर निगम आयुक्त ने विशेषाधिकार का हनन किया है. अध्यक्ष इस पर तत्काल संज्ञान लें और अफसर पर विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही चलाएं.

विस अध्यक्ष ने साफ कहा था-अफसर ऐसे कार्यक्रम न रखें

विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा था कि जब सदन चल रहा हो तो विधायकों के लिए अधिकारी इस तरह के कार्यक्रम नहीं रखें, नहीं तो यह विशेषाधिकार का मामला बनता है, ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है, भाजपा विधायक के समर्थन में सत्ता पक्ष के अन्य विधायक भी खड़े हो गए. राजद भी समर्थन में खड़ा हुआ और कार्रवाई की मांग करने लगा.

12 मार्च को विस कार्यवाही  का संचालन प्रस्तावित

बता दें 11 मार्च को महाशिवरात्रि की छुट्टी है, लिहाजा विधानसभा का सेशन नहीं चलेगा.12 मार्च 2021 को विधानसभा की कार्यवाही संचालित है, उस दिन वित्तीय वर्ष 2021-22 के आय-व्यय के अनुदान मांगों पर वाद विवाद तथा मतदान है. हालांकि 3 दिन पहले ही भाजपा के सदस्यों ने सदन में मांग की थी कि 12 मार्च को भी सदन की कार्यवाही स्थगित रखा जाये। उस दिन सदन में जो काम होना है उसे पहले ही निपटा लिया जाए. इसके पीछे का तर्क था कि 11 तारीख को भी छुट्टी है और 13 और 14 मार्च को भी बैठक नहीं है ,बीच में सिर्फ 12 मार्च को एक दिन बैठक है .ऐसे में उस दिन की कार्यवाही को भी स्थगित रखा जाए. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में इस पर विचार होगा. अब कार्य मंत्रणा समिति की बैठक सोमवार को बुलाई गई है जिसमें इस मांग पर विचार होगा. इस पर निर्णय क्या होगा यह तय नहीं लेकिन लखीसराय डीएम ने यह पत्र जारी कर विवाद जरूर पैदा कर दिया है।

लखीसराय से कमलेश की रिपोर्ट


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