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पटना में यदुवंशियों का जुटान ! गोवर्धन महोत्सव के बहाने BJP के 'यादव नेता' शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में...दल में फिर से पूछ बढ़ाने की योजना

पटना में यदुवंशियों का जुटान ! गोवर्धन महोत्सव के बहाने BJP के 'यादव नेता' शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में...दल में फिर से पूछ बढ़ाने की योजना

PATNA: पटना में यदुवंशियों का जुटान होगा. मंगलवार को राजधानी के बापू सभागार में भाजपा के यदुवंशी नेता अपना शक्ति प्रदर्शन करेंगे. शक्ति प्रदर्शन कर दल के यदुवंशी नेता नेतृत्व को बताएंंगे कि यादव समाज भी उनके साथ है. दरअसल, बिहार की राजनीति में यादव और भूमिहार को लेकर स्पष्ट मत है. अपवाद छोड़ दें तो भूमिहारों को जहां भाजपा का कोर वोटर माना जाता है, वहीं यादव समाज को राजद का अटूट हिस्सा माना जाता है. अधिकांश वोटर राजद कैंडिडेट के पक्ष में वोट करते आये हैं. यादव समाज से कैंडिडेट देने पर कुछ फीसदी वोट जरूर उस उम्मीदवार को मिल जाता है. भाजपा नेतृत्व भी यह मान कर चलता है कि यादवों का वोट उनका नहीं है. इसके लिए मिहनत करना भी बेकार है. संगठन में भी अब उतनी पूछ नहीं रही. केंद्रीय मंत्री व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय की अब वो चलती नहीं रही जो पहले हुआ करती थी. लिहाजा गोवर्धन महोत्सव के बहाने भाजपा के यादव नेता शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं. 

BJP के यादव नेता शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में

राजधानी पटना के बापू सभागार में कल यानि मंगलवार को बीजेपी के यादव समाज के नेताओं का महाजुटान है. बीजेपी के यादव नेता गोवर्धन महोत्सव करा रहे हैं. इस महोत्सव के अगुआ यूं कहें कि केंद्रीय मंत्री नित्य़ानंद राय हैं. इसके अलावे नंदकिशोर यादव, रामकृपाल यादव, नवल किशोर यादव से लेकर भाजपा के कई यादव विधायक खूब मिहनत कर रहे हैं. न सिर्फ सांसद-विधायक बल्कि यादव समाज के कुछ वैसे लोग जिन्हें अगले चुनाव को लेकर आश्वासन दिया गया है, वे भी तन-धन से जुटे हैं. चंपारण के एक यादव नेता के बारे में कहा जा रहा कि इस कार्यक्रम में उनकी खूब सेवा ली जा रही है. गोवर्धन महोत्सव में हजारों लोगों के जुटने का दावा किया जा रहा है. बड़ी संख्या में यादव समाज के लोगों को दल में शामिल कराने की तैयारी है. राजधानी पटना में बीजेपी के यादव समाज की तरफ से आयोजित गोवर्धन महोत्सव को लेकर बड़ी-संख्या में बैनर-पोस्टर लगाये गए हैं. 

गोवर्धन महोत्सव के पीछे की क्या है रणनीति 

बड़ा सवाल यही है कि भाजपा नेता इतने बड़े स्तर पर गोवर्धन महोत्सव क्यों करा रहे ? इसके पीछे की वजह महत्वपूर्ण है. जानकार बताते हैं कि भाजपा नेतृत्व ने यह मान लिया है कि यादव समाज के वोटरों में मिहनत करना बेकार है. जितनी मिहनत इस वर्ग में करेंगे या फिर पद देंगे, अगर वह काम अति पिछड़ा समाज में करें, उस वर्ग को राजनीति में आगे बढ़ाएं तो इसका राजनीतिक रूप से अधिक लाभ मिलेगा. लिहाजा नेतृत्व ने अति पिछड़ों पर अधिक ध्यान देना शुरू कर दिया है. पिछड़ों में माइनस यादव काम किया जा रहा है. जानकार बताते हैं कि नेतृत्व को यह आभास हो गया है कि यादव समाज लालू यादव के बाद अब उनके बेटे तेजस्वी यादव को नेता मान चुका है. हमारे दल के नेताओं को यादव समाज नेता मानने को तैयार नहीं. उनके कहे पर यादव वोटर दल के कैंडिडेट को वोट नहीं करता. लिहाजा भाजपा नेतृत्व अब पूरी तरह से अति पिछड़ा या फिर माइनस यादव पर केंद्रित है. इससे भाजपा के अंदर यादव समाज से आने वाले कुछ बड़े नेता भारी परेशान हैं. उन्हें लग रहा कि कहीं दल के अंदर उनकी राजनीति ने खत्म हो जाय. नेतृत्व के इस सोच को बदलने को लेकर बिहार भाजपा के यादव नेता गोवर्धन महोत्सव करा रहे हैं. 

यादव नेताओं की बैठक में बड़ा कार्यक्रम कराने का हुआ था फैसला 

दरअसल, बिहार भाजपा के संगठन में यादव समाज को सिर्फ एक पद दिया गया है. सगंठन के सभी महत्वपूर्ण पदों से यादव समाज के नेताओं को अलग रखा गया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जहां पिछड़ा वर्ग में कुशवाहा समाज से आते हैं. वहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी सवर्ण को दिया गया. जबकि विधान परिषद में नेता विरोधी दल की कुर्सी अतिपिछड़ा वर्ग को मिला है. पिछले महीने ही बिहार भाजपा के यादव समाज के नेताओं की बैठक हुई थी. बैठक में बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए थे. यादव समाज से आने वाले नित्यानंद राय, नंदकिशोर यादव, रामकृपाल यादव, नवलकिशोर यादव समेत अन्य लोग शामिल हुए थे. उसी दिन तय हुआ था कि यादव समाज की एक बड़ी बैठक पटना में हो, जिसमें बड़ी संख्या में यादव समाज के लोगों को पार्टी में शामिल कराकर बड़ा मैसेज दिया जाय. 





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