NEW DELHI : केंद्र में मोदी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए वन नेशन, वन इलेक्शन को मंजूरी प्रदान कर दी है। आगामी शीतकालीन सत्र में इसे संसद में पेश किया जाएगा। वहीं केंद्र के इस फैसले पर राजनीतिक दलों ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। जहां केंद्र के इस फैसले पर जदयू और जीतन राम मांझी की पार्टी ने समर्थन किया है। वहीं कांग्रेस ने इस निर्णय का विरोध किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे संविधान के विरूद्ध जताया है। वहीं ओवैसी ने इसे ‘संघवाद’ को नष्ट करनेवाला प्रस्ताव बताया है।
क्या कहा खड़गे ने
वन नेशन वन इलेक्शन पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने इसे भाजपा का चुनावी स्टंट बताया। उनका कहना है कि यह व्यावहारिक नहीं हो सकता है। चुनाव आने पर भाजपा सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए ऐसे मुद्दे उठाती है। खड़गे ने इसे लोकतंत्र के प्रतिकूल बताया। उन्होंने कहा कि जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी।
सिर्फ मोदी शाह चाहते हैं ऐसा
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सिर्फ मोदी और अमित शाह ही ऐसा चाहते हैं। बाकि किसी को अलग अलग चुनाव से दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा 'वन नेशन वन इलेक्शन' का विरोध किया है, यह संघवाद को नष्ट करने वाला प्रस्ताव है. साथ ही लोकतंत्र से समझौता करता है।
वहीं विपक्ष के बयान पर अब केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को 'वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर आंतरिक दबाव महसूस हो सकता है, क्योंकि एडवाइजरी प्रोसेस के दौरान 80 फीसदी से ज्यादा लोगों ने प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया है, खासकर युवा इसके पक्ष में हैं।