मोतिहारी DEO ऑफिस में 'भ्रष्टाचार' का नंगा नाच! RDDE की पूरी जांच रिपोर्ट पढ़ें....'मलाई' खाने में डीईओ-डीपीओ से लेकर लिपिक तक शामिल

PATNA: पूर्वी चंपारण के शिक्षा विभाग में शिक्षकों के स्थानांतरण में नियमों को तार-तार किया गया। अधिकारी और कर्मियों ने मिलकर खूब माल बटोरा। अब जाकर पूरी पोल खुली है। जांच में पाया गया है कि मोतिहारी में शिक्षकों के स्थानांतरण में भारी उगाही हुई है। स्थानांतरण के खेल में डीईओ-डीपीओ स्थापना कटघरे में खड़े हैं. वहीं दो कर्मियों की मिलीभगत उजागर हुई है। आरडीडीई मुजफ्फरपुर ने मोतिहारी डीईओ ऑफिस में हुए खेल का खुलासा कर दिया है। जांच रिपोर्ट देखने से पता चल रहा कि सरकारी अधिकारियों-कर्मियों ने पैसे की उगाही के लिए प्रपंच रचा। आरडीडीई की जांच के बाद निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने अब तक जांच की खानापूर्ति ही की है।

जांच रिपोर्ट में खुली पोल

मुजफ्फरपुर के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक ने मोतिहारी में शिक्षकों के स्थानांतरण मामले की जांच किया। जांच में डीईओ-डीपीओ(स्थापना) की पूरी पोल खुल गई। जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी पूर्वी चंपारण एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के द्वारा माह मार्च 2021 में प्रारंभिक शिक्षकों के स्थानांतरण (जिला संवर्ग) के क्रम में आरडीडीई कार्यालय द्वारा 27 मार्च 2021 को अनुमोदन वापस लिया गया था. जिसे जिला शिक्षा पदाधिकारी के ईमेल पर उसी दिन यानी 27 तारीख को ही भेज दिया गया था. सबूत के तौर पर आरडीडी ने ईमेल रसीद को भी संलग्न किया है. प्रतिवेदन के अनुसार अनुमोदन वापस लेने संबंधी पत्र जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा 3 अप्रैल 2021 को संज्ञान में लेते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना पूर्वी चंपारण को उपलब्ध कराया गया. इसके बाद प्रभारी लिपिक-प्रधान लिपिक द्वारा संचिका 6 अप्रैल को वस्तुस्थिति दर्शाते हुए प्रस्ताव दिया गया. 12 अप्रैल 2021 को जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा टिप्पणी दिया गया कि विभागीय पत्रांक 1859, 19 मई 2008 के द्वारा मैट्रिक प्रशिक्षित शिक्षकों का पद प्रत्येक वर्ष 31 मार्च को समाप्त हो जाता है. जिला शिक्षा पदाधिकारी पूर्वी चंपारण के आदेश के आलोक में 15 जून 2021 को जिला प्रारंभिक शिक्षक स्थापना समिति पूर्वी चंपारण की बैठक की गई. जिसमें 30 जनवरी 2021 को बैठक में लिए गए स्थानांतरण संबंधी निर्णय को संपुष्ट करते हुए क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक तिरहुत प्रमंडल को वस्तु स्थिति से अवगत कराने का निर्णय लिया गया.


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आरडीडीई ने डीईओ-डीपीओ को माना दोषी

 उनके प्रतिवेदन के अनुसार जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 28 जून 2021 को आरडीडीई को अवगत कराया गया है. जबकि आरडीडी कार्यालय में पत्र प्राप्त ही नहीं है, एवं इस संबंध में कोई साक्ष्य जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया. उपरोक्त स्थानांतरण में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी पूर्वी चंपारण द्वारा ईमेल का त्वरित संज्ञान नहीं लिया गया तथा विलंब किया गया. जिस कारण से स्थानांतरित शिक्षक आज तक नव स्थानांतरित विद्यालयों में बने हुए हैं.यह उच्च अधिकारियों के आदेश की अवहेलना है. इस मामले में संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं कार्यक्रम पदाधिकारी पूर्वी चंपारण दोषी हैं. साथ ही तथ्य छुपाने के नियत से अपने पत्रांक 26 अप्रैल 2021 द्वारा मार्गदर्शन संबंधित पत्र निर्गत किया गया जो आज तक इस कार्यालय को प्राप्त नहीं हुआ. इस संबंध में उनके द्वारा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया. मुजफ्फरपुर के आरडीडीई ने यह जांच रिपोर्ट 20 जुलाई 2021 को विशेष सचिव सह निदेशक माध्यमिक शिक्षा को समर्पित किया था।


खानापूर्ति के लिए 2 लिपिक पर विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश

आरडीडीई की जांच रिपोर्ट के बाद निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने कार्रवाई की खानापूर्ति करते हुए इतनी बड़ी गड़बड़ी के लिए 2 लिपिकों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश जारी किया है। हालांकि इतनी बड़ी गड़बड़ी सिर्फ क्लर्क कर सकता है ऐसा संभव नहीं। शिक्षा विभाग ने विभागीय कार्यवाही चलाने के लिए मोतिहारी डीईओ को तीन दिनों के अंदर प्रपत्र-क में आरोप गठित कर मुख्यालय को देने का निर्देश दिया है ताकी विभागीय कार्यवाही का संचालन किया जाये।  माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने पूर्वी चंपारण के जिला शिक्षा अधिकारी को 27 जुलाई को पत्र भेजा है. पत्र में कहा गया है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के लिपिक सत्येंद्र मिश्र एवं राजीव रंजन कुमार के विरुद्ध विहित प्रपत्र क में आरोप गठित कर उपलब्ध कराएं . इस मामले की जांच क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक तिरहुत प्रमंडल से कराई गई है। उनके प्रतिवेदन पत्र की समीक्षा के बाद यह बात सामने आई कि मार्च 2021 में बड़े पैमाने पर जिला संवर्ग के शिक्षकों का विभागीय आदेश के विपरीत अनियमित स्थानांतरण किया गया . इस आरोप में दोनों लिपिक के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश दिया गया है.