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"कहीं शहर ना बने अपनों गांव ए भावुक, अंजोर देख के मड़ई बहुत डेराइल बा", गोपालगंज में भोजपुरी कवियों ने बिखेरे जलवे

"कहीं शहर ना बने अपनों गांव ए भावुक, अंजोर देख के मड़ई बहुत डेराइल बा", गोपालगंज में भोजपुरी कवियों ने बिखेरे जलवे

GOPALGANJ : "कहीं शहर ना बने गांव अपनों ए भावुक, अंजोर देख के मड़ई बहुत डेराइल बा". आज के हालात पर जब इस कविता को अंजन सम्मान से सम्मानित भोजपुरी के बड़े कवि मनोज भावुक ने मंच से सुनाया, तो वहां मौजूद लोग तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया. मौका था जय भोजपुरी जय भोजपुरिया संस्था के तत्वावधान में अमही मिश्र में आयोजित भोजपुरी साहित्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम के पहले सत्र में आयोजित सम्मान समारोह और कवि सम्मेलन का.  

कार्यक्रम की शुरुआत जय भोजपुरी जय भोजपुरिया के अध्यक्ष उद्योगपति सतीश कुमार त्रिपाठी और उनकी पत्नी मुन्नी तिवारी ने दीप  प्रज्वलन से की. उसके बाद आगत अतिथियों का मंच से सम्मान किया गया. जिसमें क्षेत्र के बड़े कवि और समाजसेवी लोग शामिल थे. इसके बाद जय भोजपुरी जय भोजपुरिया की तिमाही पत्रिका सिरजन के नए अंक का विमोचन मंच पर मजूत कवियों के द्वारा किया गया. इसके बाद अंजन सम्मान से सम्मानित कवि डॉ. भालचंद्र त्रिपाठी की सरस्वती वंदना से कवि सम्मेलन की विधिवत शुरुआत की गई. 

बता दें कि अमही मिश्र गांव के भरोसा शिक्षण संस्थान के परिसर में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें सबसे पहले आगत अतिथियों का स्वागत किया गया. संस्था के अध्यक्ष सतीश कुमार त्रिपाठी ने अंग वस्त्र और माला पहनकर आगत अतिथियों का स्वागत किया.  इसके बाद मंच का संचालन कर रहे संस्था के  उपाध्यक्ष सुभाष पांडेय ने कवि डॉ अनिल चौबे को मंच संचालन के लिए आमंत्रित किया और कवि सम्मेलन की विधिवत शुरुआत की गई. उत्तर प्रदेश से आए हास्य कवि हृदय आनंद विशाल ने पीड़ित पतियों की कविता का जब बखान किया, तो लोग हंसते-हंसते लोटपोट हो गए. कार्यक्रम के बीच में ही भोजपुरी साहित्यकार और कवि मनोज भावुक को आमंत्रित किया गया. संस्था के अध्यक्ष सतीश कुमार त्रिपाठी के द्वारा उन्हें अंजन सम्मान दिया गया. इसके बाद कवि सम्मेलन अनवरत चलता रहा. जहां भोजपुरी का बखान करते हुए कवि शशि रंजन शुक्ला सेतु ने कहा कि "" मिसरी नियन मीठ भोजपुरी बोलिया हो, पोरे पोरे रस के जुबान भोजपुरिया हो""" इसके बाद कवि शैलेंद्र असीम, राजकुमार बाबरा, माहिर विचित्र, मधुसूदन पांडे, अमरेंद्र कुमार सिंह, पांडेय अकेला ने अपनी प्रस्तुति दी. 

फिर कविता पाठ करने आए कवि संजय मिश्रा संजय ने कहा कि """सगरे गीत गजल कविताई कथा कहानी तोहरे नाम, तू कही द त करिके जाई ई जिंदगानी तोहरे नाम.""" इसके बाद कविता पाठ करने आए डॉ कमलेश राय, मदन मोहन पांडेय, कृष्ण मुरारी राय, आकाश महेश पुरी, माया शर्मा ने भी जबरदस्त कविता पाठ किया. कुल 45 कवियों ने अपनी अपनी प्रस्तुति दी. वहीं अपने अध्यक्षीय भाषण में अध्यक्ष सतीश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि भोजपुरी भाषा की मिठास है कि इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कई देशों के लोग आए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्यक्रम और इसमें लोगों कि सहभागिता, यह बताने के लिए काफी है कि भोजपुरी की खातिर लोग अब आगे आने लगे हैं. इस मौके पर डिंपल मिश्रा, नरसिंह तिवारी, शिवाजी तिवारी ,चुन्नू तिवारी, दद्दन त्रिपाठी, मिथलेश शाह आदि लोग मौजूद थे.

गोपालगंज से मनान अहमद की रिपोर्ट

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