पढ़ाई और कैरियर के लिए युवती ने तोड़ी 45 दिन पहले हुई शादी, पंचायत ने फैसले पर लगायी मुहर

BHAGALPUR : भागलपुर के सुल्तानगंज में डेढ़ माह पहले विधि विधान से हुई शादी को लड़की ने अपने कैरियर व पढ़ाई के लिए तोड़ दिया। लड़की के इस निर्णय पर ग्राम पंचायत ने भी फैसला लड़की के पक्ष में दिया। पूरे इलाके में इस फैसले की चर्चा हो रही है। ग्राम कचहरी की सभा में लड़की व लड़का के परिजन सुनवाई के दौरान मौजूद थे। गंनगनिया ग्राम कचहरी का आयोजन फतेहपुर में किया गया। कैरियर तथा पढ़ाई को लेकर लड़की के पक्ष में ग्राम कचहरी ने जो फैसला सुनाया। उसे सुन सभी हैरान रह गए। लड़की नेहा पढ़ लिख कर अपना कैरियर बनाना चाहती है। अपने सपने में रंग भरना चाहती है। लेकिन शादी के बाद घर की चारदीवारी के बीच रहने के लिए वह मजबूर हो गई। सरपंच ने फैसला सुनाया कि दोनों पक्ष अब अलग-अलग अपनी रजामंदी से रहेगा। लड़की को आगे पढ़ना है। कैरियर बनाना है, उसके पिता ने उसकी शादी करा दी। लेकिन ससुराल वाले उसे पढ़ाई करने से रोकते है। नेहा ने फैसले के बाद बताया कि अब पढ़ने का मौका मिलेगा। नेहा आईटीआई करना चाहती है। 

बताया गया कि घोरघट निवासी सीताराम पंडित का पुत्र सुनील की शादी कमरगंज पंचायत के जहांगीरा निवासी गुरुदेव पंडित की पुत्री नेहा कुमारी के साथ हिंदू रीति रिवाज से बड़े धूमधाम से हुई थी। शादी के डेढ़ माह बाद नेहा गायब हो गई। पति सुनील ने काफी खोजबीन की। इसको लेकर लड़की के पिता ने सुल्तानगंज थाना में आवेदन देकर बेटी के अपहरण किए जाने की शिकायत की। इसकी जानकारी जब नेहा को मिली तो वह घर पहुंच गई। इसके बाद नेहा ने घरवालों से कहा की मेरा अपहरण नहीं हुआ था। मैं पढ़ने के लिए पटना गई थी। 

नेहा ने अपने पिता को बताया कि ससुराल वाले उसे पढ़ने नहीं देना चाहते हैं। आगे पढ़ाई करने पर मना करते हैं। इसलिए उसने ऐसा कदम उठाया। अपने पिता को आपबीती सुनाने के बाद नेहा ने ग्राम पंचायत में भी यही फरियाद की। नेहा ने कहा कि सुनील को अपना पति नहीं मानती हूं। शादी के बाद ससुराल गई तो पति प्रताड़ित करने लगा। नेहा अपने करियर को लेकर चिंतित रहने लगी। उसने मौका देखते ही ससुराल से भागने का फैसला कर लिया। वह भागकर पटना चली गई। एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया। सरपंच ने बताया कि दोनों पक्षों की दलील को सुनने के बाद फैसला लिया गया है। सभी लोग चाहते थे कि घर बस जाए। लेकिन ऐसा ना हो सका। दोनों पक्ष अब अलग-अलग अपनी रजामंदी से रहेंगे। दोनों के बीच कोई भी वैवाहिक संबंध नहीं रहेगा। ग्राम कचहरी के निर्णय के बाद दोनों स्वतंत्र होकर जीवन यापन करेंगे। लड़की अपनी पढ़ाई जारी रख कर कैरियर बना पाएगी।

भागलपुर से अंजनी कुमार कश्यप की रिपोर्ट