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पालीगंज सीट पर भाजपा के भीतर स्थानीय बनाम बाहरी का मुकाबला, पढ़िए पूरी खबर

पालीगंज सीट पर भाजपा के भीतर स्थानीय बनाम बाहरी का मुकाबला, पढ़िए पूरी खबर

PATNA : पालीगंज विधानसभा सीट को लेकर अभीतक यह तय नहीं हुआ है की अगर भाजपा के खाते में यह सीट जाती है तो उम्मीदवार पालीगंज का स्थानीय होगा या एक बार फिर बाहरी. पिछले आठ विधानसभा चुनावों में भाजपा की ओर से बारम्बार बाहरी उमीदवारों को मौका दिया गया. जिसमें महज दो बार सफलता मिली. जिसमें एक पूर्ण विधानसभा व एक बार उप चुनाव में भाजपा के पक्ष में परिणाम आया. बाकी 6 मौकों पर भाजपा के बाहरी प्रत्याशियों के मुकाबले विपक्षी उम्मीदवार अपने पक्ष में परिणाम कर पाये. लंबे अर्से से भाजपा के भीतरखाने में पालीगंज से स्थानीय उम्मीदवार की मांग रही है. भाजपा की ओर से प्रत्याशियों की सूची जारी होने से पूर्व भीतर खाने एक बार फिर स्थानीय बनाम बाहरी का मुकाबला हो गया है. 

पालीगंज विधानसभा में पिछले तीन दशक के चुनावों में राजद बनाम भाजपा का मुकाबला रहा है. जबकि इस दौरान एक मौके पर भाकपा (माले) भी कामयाब रही है. जातीय गणित के बाबत यहां मुकाबला यादव बनाम भूमिहार का है. हालांकि भाजपा की ओर से पिछले आठ मुकाबलों में भूमिहार उम्मीदवारों पर ही दांव लगाया गया. लेकिन वे दो बार ही बाजी अपने पक्ष में करने में कामयाब हुए. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पालीगंज में जीत का प्रतिशत कम होने की वजह की भाजपा ने भूमिहारों को टिकट तो दिया. लेकिन वे स्थानीय नही होने के कारण पालीगंज को भाजपा के लिये सुरक्षित किला नही बना सके. 

ये कर रहे हैं दावेदारी

पालीगंज विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवारों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. यह त्रिकोणीय मुकाबला रवींद्र रंजन, उषा विद्यार्थी और रामजन्म शर्मा के बीच है. बिक्रम से पूर्व विधायक रामजन्म शर्मा पिछली बार पालीगंज से भाजपा प्रत्याशी थे. जिन्हें राजद के उम्मीदवार जयवर्द्धन यादव से हार मिली. वहीं उषा विद्यार्थी तीन बार   भाजपा के टिकट पर पालीगंज से भाग्य आजमाने के बाद एक बार ही विधानसभा पहुँचने में कामयाब हो पाई. खास बात यह है की ये दोनों ही बिक्रम से आते हैं और पालीगंज के लिए बाहरी उम्मीदवार हैं. 

वहीं दोनों नाम के बीच एक स्थानीय नाम रविन्द्र रंजन का है. जिससे पालीगंज विधानसभा में दावेदारों की होड़ दिलचस्प हो गई है. रवींद्र रंजन पिछले लंबे अर्से से पार्टी के भीतर सक्रिय हैं और फ़िलवक्त भाजपा किसान मोर्चा के बंगाल में प्रभारी हैं. स्वामी सहजानन्द सरस्वती किसान मोर्चा के माध्यम से प्रदेश भर के किसानों के बीच इनकी सक्रियता है. लम्बे समय से यह पालीगंज के स्थानीय उम्मीदवार के तौर पर चर्चा में रहे है. इन नामों के अलावा कुछ और भी नाम हैं जो भाजपा के भीतर पालीगंज से उम्मीदवारी की होड़ को कांटे का बनाये हुये है. 

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