पशुपति पारस ने भतीजे से समझौते के अटकलों को किया खारिज, कहा- कभी नहीं होंगे साथ, दल नहीं दिल टूटा है....

PATNA/ DELHI:  "बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय। रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय"। रहीम के इस दोहे से तो आप जब रूबरू होंगे ही। इस दोहे के जरिए ही मंगलवार को रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस ने लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उनके भतीजे चिराग पासवान पर निशाना साधा है। इसके साथ ही पशुपति पारस ने यह भी कह दिया है कि चाहे कुछ भी हो जाए वह चिराग पासवान के साथ नहीं जुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि, दल टूटता है तो जुड़ जाता है, लेकिन दिल टूटता है तो कभी नहीं जुड़ता। 

चिराग के एनडीए में शामिल होने से कोई दिक्कत नहीं 

दरअसल, पशुपति पारस ने दिल्ली में स्वर्गीय रामविलास पासवान पर लिखी गई पुस्तक के परिचर्चा के दौरान चिराग पासवान पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि,वोटों का बटवारा ना हो इसलिए बीजेपी चाहती है कि हम दोनों एक हो जाएं, लेकिन मैंने साफ तौर पर मना कर दिया है कि अब हम कभी एक साथ नहीं आएंगे। उन्होंने कहा कि, मुझे एनडीए में चिराग पासवान के शामिल होने से कोई दिक्कत नहीं है। हमने बीजेपी को कहा था कि, आप शामिल करिए हमें कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन हम दोनों कभी एक नहीं होंगे।

दल टूट के जुड़ जाता है दिल नहीं

वहीं पशुपति पारस से पूछा गया कि क्या वो एक बार फिर अपने भतीजे के साथ होंगे तो उन्होंने तीखे लहजे में कहा कि, नेवर, नेवर, नेवर.... दल टूटता है तो दल जुड़ जाता है, दिल टूटता है तो दिल नहीं जुड़ता है। उन्होंने रहीम के दोहे को कहते हुए कहा कि अब बिगड़ी बात नहीं बन सकती है। जो जैसा कर्म करेगा वह वैसा फल पाएगा। हमारा दिल टूट चुका है और हम अब कभी चिराग पासवान के साथ नहीं होंगे।

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मैंने नहीं चिराग ने तोड़ा रिश्ता

बता दें कि, अपने और चिराग पासवान के बिगड़े रिश्तों के कारणों को बताते हुए पशुपति पारस ने कहा कि,"मैंने अगल होने को नहीं कहा था। उन्होंने कहा था उनसे जाके पूछो कि मैं क्या गलत कह रहा हूं। पारस ने कहा कि, उस जगह पर उनकी मां बैठी हुई थी। हमारे बेटे प्रिंस राज बैठे हुए थे, छोटा बेटा यशराज मुस्कान बैठा हुआ था। हाजीपुर के दर्जनों लोग थे। सभी लोगों के सामने उसने कहा कि, मैं नीतीश कुमार को राजनीतिक रूप से मारना चाहता हूं और आप नीतीश कुमार की बराई करते हो। मैं आपको पार्टी से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दूंगा। इसके जबाव में मैंने कहा था कि, देखो मैं किसी के बल पर राजनीति में नहीं हूं और मैं दिल्ली जाना भी नहीं चाहता था और यदि तुम यहीं चाहते हो और तुम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इसलिए इसी समय मैं पार्टी की सदस्यता और लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा करता हूं। इस वक्त उसने कहा कि आपका खून में और मेरे खून में फर्क है। उन्होंने कहा कि, चिराग पासवान के खुन में फर्क होने के बात पर मैंने कहा कि, आज के बाद ना मैं तुम्हारा चाचा हूं ना तुम मेरे भतीजा।