PATNA : बिहार में हर दिन लूट,हत्या, चोरी की घटनाएं हो रही है, अपराधी खुलेआम गोलियां चला रहे हैं। यहां के अधिकारियों के पास करोड़ों रूपए बरामद हो रहे हैं और बिहार के मुख्यमंत्री कहते हैं कि वह जीरो टॉलरेंस की निति का पालन करते हैं, जिसमें न तो किसी को फंसाते और न बचाते हैं। मैं तो कहना चाहूंगा बिहार के मुख्यमंत्री को अपनी इन बातों को बंद कर देना चाहिए। यह कहना है पाटलीपुत्र के सांसद रामकृपाल यादव का।
नीतीश कुमार पर अपनी भड़ास निकालते हुए सांसद ने कहा कि वह कहते हैं कि भाजपा के साथ रहकर वह असहज महसूस कर रहे थे। लेकिन नीतीश कुमार को यह बताना चाहिए कि वह केंद्र में मंत्री रहे, उन्हें मंत्री किसने बनाया, भाजपा ने बनाया, बिहार में मुख्यमंत्री किसने बनाया भाजपा ने बनाया. उनका ज्यादा समय भाजपा के साथ बीता, फिर भी वह कहते हैं कि भाजपा के साथ जाना उनकी भूल थी।
आखिर बिहार का विकास हुआ कैसे
रामकृपाल यादव ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री कहते हैं कि भाजपा ने उनके हाथ बांध दिए थे। जबकि दूसरी तरफ वह यह भी कहते हैं कि उनके 17 साल के शासन में बिहार सबसे ज्यादा विकास कार्य भी हुआ। नीतीश जी को यह बताना चाहिए कि जब बिहार में भाजपा काम नहीं करने दे रही थी, तो इसका मतलब यह हुआ कि बिहार में कोई विकास कार्य नहीं हुआ। नीतीश कुमार ने कोई काम नहीं किया। वह कहते हैं कि भाजपा ने कोई काम नहीं किया, तो नीतीश जी को यह बताना चाहिए कि बिहार में जो भी निर्माण कार्य हुए हैं, वह क्या 20-21 दिन में हो गया।
बिना केंद्र के एक पुलिया नहीं बना सकती राज्य सरकार
पाटलीपुत्र सांसद ने कहा सच्चाई यह है कि केंद्र अगर पैसा नहीं दे बिहार में एक पुलिया भी राज्य सरकार खुद से नहीं बना सकती है। सांसद ने कहा कि कुछ साल पहले फुलवारी के पास पाली में समदा पुल बनाने की घोषणा की गई थी, लेकिन आज तक यह पुल नहीं बन सका है। मैनें खुद अपने विधानसभा क्षेत्रों के लिए छोटे-छोटे कार्य कराने की मांग की थी, लेकिन आज तक इनमें कोई कार्य नहीं हुआ है। पथ निर्माण के विभाग अधिकारियों से बात किया था, तो उनका कहना था कि विभाग के पास किसी नए कार्य के लिए पैसा नहीं है।
भाजपा मंत्रियों और नेताओं की नहीं थी कोई हैसियत
राम कृपाल यादव ने कहा कि नीतीश कुमार कहते हैं कि वह भाजपा के साथ सहज नहीं थे। लेकिन सच्चाई यह है कि नीतीश कुमार के साथ काम करनेवाले भाजपा के किसी मंत्री को महत्व नहीं मिलता था। नीतीश कुमार खुद सारे फैसले ले रहे थे और वही सारे फैसले लेते थे। उनका ही आदेश चलता था। सरकार में भाजपा के मंत्री दो नंबर की हैसियत रखते थे।
बिना कमीशन नहीं होता है कोई काम
भाजपा सांसद ने कहा कि आज बिहार के किसी अधिकारी के यहां कार्रवाई हो रही है तो उनके पास करोड़ों रुपए बरामद हो रहे हैं, आखिर यह पैसे कहां से आ रहे हैं। मैं छह बार सांसद रहा, दो बार विधानसभा में भी रहा, 45 साल के राजनीति में हूं, लेकिन इतना होने के बाद भी आज अधिकारी मेरी बातों को नहीं मानते हैं। यह हमलोगों की हैसियत हो गई है। एक साइन भी बिना कमीशन नहीं किया जाता है।