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पटना जिलाधिकारी ने बीडीओ पर लगाया दो हज़ार रूपये का अर्थदंड, जानिए वजह

पटना जिलाधिकारी ने बीडीओ पर लगाया दो हज़ार रूपये का अर्थदंड, जानिए वजह

PATNA : आज जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के द्वितीय अपील की सुनवाई हिंदी भवन स्थित कार्यालय कक्ष में की.  इस मौके पर 19 मामलों की सुनवाई की गई. जिसमें 8 मामले निष्पादित किए गए तथा शेष 11 मामलों की सुनवाई के लिए आगे की तिथि का निर्धारण किया गया. आज की सुनवाई के क्रम में प्रखंड विकास पदाधिकारी अथमलगोला को ₹2000 का अर्थदंड अधिरोपित किया गया. परिवादी दंगल प्रसाद, अथमलगोला निवासी द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें लाभ दिलाने का अनुरोध किया गया था. प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा आवेदक को आवास योजना से आच्छादित नहीं किया गया था. तदनुसार जिला स्तर पर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा भी प्रथम अपील की सुनवाई करते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी के रिपोर्ट को भ्रामक एवं अस्पष्ट बताया गया था.  पुनः जिलाधिकारी स्तर पर द्वितीय अपील की सुनवाई में भी प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा अस्पष्ट, असंतोषजनक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया. इसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने लोक प्राधिकार प्रखंड विकास पदाधिकारी को ₹2000 का अर्थदंड अधिरोपित किया. 

दूसरा मामला धनरूआ प्रखंड के जनकपुर ग्राम निवासी गिरिजानंद सिंह का है. जिन्होंने मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के तहत पेंशन का लाभ देने का अनुरोध किया गया था जो 2019 से लंबित था. जिलाधिकारी द्वारा द्वितीय अपील मैं निर्गत आदेश के अनुरूप अपीलार्थी को पेंशन मिलना शुरू हो गया. इसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने 2019 से आवेदक के पेंशन का मामला लंबित रखने के दोषी अधिकारी /कर्मी को चिन्हित करने तथा कार्रवाई करने का निर्देश उप विकास आयुक्त को दिया. विदित हो कि इस मामले में जिलाधिकारी द्वारा पूर्व के द्वितीय अपील की सुनवाई करते हुए सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा को ₹5000 का अर्थदंड भी निर्धारित किया गया था. 

क्या है पूरा मामला  

अपीलार्थी गिरजानंद सिंह प्रखंड धनरूआ अनुमंडल मसौढ़ी द्वारा मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के तहत लाभ लेने हेतु द्वितीय अपील में मामला लाया गया. इस मामले को सबसे पहले जून 2019 में अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय  मसौढ़ी के समक्ष आवेदन दायर किया गया. उन्होंने 6 फरवरी 2020 को प्रखंड विकास पदाधिकारी धनरूआ को अपने स्तर से जिला एवं विभागीय स्तर पर समन्वय स्थापित कर परिवाद के अविलंब निष्पादन करने का आदेश निर्गत किया. प्रखंड विकास पदाधिकारी धनरूआ को स्पष्ट आदेश निर्गत होने के बाद भी अभिलार्थी के शिकायत का निवारण नहीं हो पाया.  जिलाधिकारी ने द्वितीय अपील के तहत 2 फरवरी 2021 की सुनवाई में सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा को निर्देश दिया गया कि वे अपीलार्थी की शिकायत के संबंध में स्पष्ट जांच कर विलंब हेतु दोषी व्यक्ति को चिन्हित कर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करते हुए अपीलार्थी के शिकायत का निवारण करें तथा 5 मार्च की सुनवाई में रिपोर्ट के साथ उपस्थित रहे. परिवादी द्वारा जून 2019 ई को पेंशन संबंधीआवेदन दिया गया था. किंतु 1 मार्च 2021 को पेंशन की स्वीकृति दी गई है जो काफी विलंब से दिया गया है. सहायक निदेशक द्वारा काफी विलंब करने संबंधी लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा को ₹5000 का दंड पूर्व की सुनवाई में ही अधिरोपित किया था. 

पटना से विवेकानंद की रिपोर्ट

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