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काम में लापरवाही बरतने को लेकर पटना डीएम ने लिया बड़ा एक्शन, खराब परफार्मेंस वाले 15 अंचलाधिकारियों का वेतन रोका

काम में लापरवाही बरतने को लेकर पटना डीएम ने लिया बड़ा एक्शन, खराब परफार्मेंस वाले 15 अंचलाधिकारियों का वेतन रोका

PATNA : पटना डीएम चंद्रशेखर ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए एक साथ 15 अंचल अधिकारियों (खुशरूपुर, मसौढ़ी, दानापुर, बाढ़, नौबतपुर, फतुहा और मनेर को छोड़कर) का वेतन अगले आदेश तक रोकने का आदेश दिया है। साथ ही उन्हें शोकॉज किया गया है। 

दरअसल, पटना में समाहर्ता-सह-जिला पदाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने सोमवार को राजस्व मामलों की समीक्षा की। उन्होंने ई-म्यूटेशन, परिमार्जन, भू-अर्जन, भूमि विवाद निराकरण, अतिक्रमण हटाने, नापीवाद और सीमांकन सहित विभिन्न मामलों में अद्यतन प्रगति का जायजा लिया था।  

जिलाधिकारी ने कहा कि समय-सीमा पार आवेदनों की संख्या जब तक शून्य नहीं हो जाती, तब तक इन अधिकारियों का वेतन स्थगित रहेगा। उन्होंने कहा कि अंचलाधिकारियों को अपने-अपने कार्यालय की कार्य संस्कृति सुदृढ़ करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाता है। इसके बाद कोई मौका नहीं दिया जाएगा। शिथिलता, लापरवाही या अनियमितता का मामला सामने आने पर विधि-सम्मत कठोर कार्रवाई की जाएगी। 

एक महीने में लंबित मामलों की संख्या शून्य कराने के दिए निर्देश

दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए प्रपत्र-क गठित किया जाएगा तथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी अंचल में दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन का निर्धारित समय-सीमा के बाद एक भी आवेदन लंबित नहीं रहना चाहिए। एक महीने के अंदर अनुपयोगी (एक्सपायर्ड) आवेदनों की संख्या हर हाल में शून्य कर लें अन्यथा लापरवाह अंचलाधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

63 दिन से अधिक समय लंबित मामले पर होगी जांच

जिलाधिकारी ने कहा कि जिन-जिन अंचलों में दाखिल-खारिज के बहुत अधिक मामले 63 दिनों से अधिक समय से लंबित हैं, वहां जिला-स्तर से टीम बनाकर जांच कराई जाएगी। अपर समाहर्ता को इस संबंध में आदेश प्रारूप उपस्थापित करने का निदेश दिया गया। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि हर भूमि सुधार उप समाहर्ता प्रत्येक सप्ताह कम से कम एक अंचल का निरीक्षण कर प्रतिवेदन दें। कर्मचारीवार विस्तृत समीक्षा करें। 

 भूमि सुधार उप समाहर्ताओं एवं अंचल अधिकारियों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि राजस्व प्रशासन कोर कार्य है।  उन्होंने कहा कि आज की तारीख में दाखिल-खारिज के लंबित मामलों की संख्या 76,373 है, जिनमें से 29,844 आवेदन 21 दिन से अधिक तथा 37,094 आवेदन 63 दिनों से अधिक समय से लंबित हैं।

इन प्रखंडों में बेहतर कार्य के लिए सराहना

जिलाधिकारी ने कहा कि विगत एक सप्ताह में पटना जिला में निष्पादित किए गए वादों की कुल संख्या लगभग 2,500 है। यह प्रशंसनीय है। इस एक सप्ताह में 5,262 आवेदनों को निष्पादित किया गया, जबकि 2,750 आवेदन प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि खुशरूपुर, मसौढ़ी, दानापुर, बाढ़, नौबतपुर, फतुहा और मनेर में वादों के निष्पादन की गति अच्छी है। हम उनके प्रयास की सराहना करते हैं। शेष अंचलों में वादों की प्राप्ति की तुलना में निष्पादन की गति अच्छी नहीं है। अनुपयोगी आवेदन की संख्या भी काफी अधिक है। यह खेदजनक है। 

अंचलों के कार्य की जांच के लिए बनेगी टीम

 डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि राजस्व संबंधी मामलों की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि जिला-स्तर से टीम बनाकर हर एक अंचल का निरीक्षण कराया जाएगा। लंबित सबसे पुराने मामलों की समीक्षा की जाएगी। अगर कोई अनियमितता उजागर होती है तो राजस्व कर्मचारी एवं अंचलाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीएम सिंह ने कहा कि वे भूमि सुधार उप समाहर्ता के न्यायालय कार्यों की समीक्षा करेंगे। वहीं, जिलाधिकारी द्वारा अपर समाहर्ता को राजस्व मामलों का नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया। डीएम डॉ. सिंह ने अंचल अधिकारियों को 90 दिन से अधिक समय से अतिक्रमण के लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करने का निदेश दिया।

 इन अंचलों का प्रदर्शन सबसे खराब

 जिले में 63 दिनों से अधिक लंबित दाखिल-खारिज के मामलों की समीक्षा की गई। इस मानक पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले अंचलों में बेलछी में 99 मामले, खुशरूपुर में 101 मामले, दनियावॉ में 106 मामले, घोसवरी में 118 मामले और मोकामा में 237 मामले लंबित हैं। खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलों में पटना सदर में 4,599 मामले, बिहटा में 4,044 मामले, सम्पतचक में 3,854 मामले, फुलवारी शरीफ में 3,672 मामले और दानापुर में 2,606 मामले लंबित हैं। डीएम डॉ. सिंह ने इसपर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए दाखिल-खारिज में खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलों के अंचलाधिकारियों को स्थिति में तुरंत सुधार लाने का निर्देश दिया।

 इसी तरह  15 जुलाई, 2024 तक परिमार्जन के लिए प्राप्त आवेदनों की निष्पादन की समीक्षा में पाया गया कि सम्पतचक (93.89 प्रतिशत निष्पादन), पटना सदर (94.62 प्रतिशत निष्पादन), नौबतपुर (97.90 प्रतिशत निष्पादन), बिहटा (97.97 प्रतिशत निष्पादन) और बाढ़ (98 प्रतिशत निष्पादन) खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलों में शामिल हैं। इस मामले में बख्तियारपुर (100 प्रतिशत निष्पादन), दुल्हिनबाजार (100 प्रतिशत निष्पादन), खुशरुपुर (100 प्रतिशत निष्पादन), पंडारक (100 प्रतिशत निष्पादन) तथा फुलवारीशरीफ (100 प्रतिशत निष्पादन) ने अच्छा प्रदर्शन किया है। अद्यतन प्रगति की समीक्षा में यह पाया गया कि आठ से 15 जुलाई, 2024 तक परिमार्जन के आवेदनों के निष्पादन में खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलों में बख्तियारपुर, बेलछी, बिक्रम, दनियावॉ एवं दुल्हिनबाजार अंचल शामिल हैं, जबकि मोकामा, पटना सदर, बाढ़, दानापुर और धनरूआ ने अच्छा प्रदर्शन किया है।

 डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि विभिन्न माध्यमों यथा समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक चैनल्स, लोक शिकायत एवं जनता से साक्षात्कार के क्रम में यह पता चलता है कि दाखिल खारिज आवेदनों का ससमय निष्पादन नहीं किया जाता है और बिना उचित कारण के आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यह बहुत आपत्तिजनक है। बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2011 और बिहार भूमि दाखिल खारिज अधिनियम, 2011 में दाखिल खारिज आवेदनों के निष्पादन की अवधि एवं विधि का स्पष्ट उल्लेख किया गया है।


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