पटना. पटना हाईकोर्ट ने समय पर सूचना उपलब्ध नहीं कराने पर राज्य सूचना आयोग की मुआवजा दिये जाने के आदेश को रद्द कर दिया। जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति कोर्ट की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर ये आदेश दिया। कोर्ट ने ये स्पष्ट किया कि जब तक आवेदक की ओर से मुआवजा देने का अनुरोध नहीं किया जाता, तब तक सूचना आयोग मुआबजा देने का आदेश नहीं दे सकता।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया गया कि 2017 में इंटर परीक्षा में फेल होने के बाद सूचना के अधिकार के तहत कॉपी की प्रति देने की मांग लोक सूचना अधिकारी से की गई।लेकिन मांगी गई सूचना नहीं दी गई।
इसके विरुद्ध प्रथम अपील दायर की गई। फिर भी सूचना नहीं दी गई। फिर राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील दायर की गई। राज्य सूचना आयोग ने बोर्ड को सूचना नहीं देने का दोषी करार देते हुए उसे आवेदिका को पांच लाख रुपये बतौर मुआबजा देने का आदेश दिया।
इसी आदेश की वैधता को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। वही आवेदिका की ओर से भी एक अर्जी दायर कर मुआवजा राशि बढ़ा कर 25 लाख रुपये करने की मांग की गयी थी ।