बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

पटना हाईकोर्ट ने धार्मिक न्यास परिषद् और अध्यक्ष पर लगाया 10 हज़ार रूपये का जुर्माना, जानिए क्या है पूरा मामला

पटना हाईकोर्ट ने धार्मिक न्यास परिषद् और अध्यक्ष पर लगाया 10 हज़ार रूपये का जुर्माना, जानिए क्या है पूरा मामला

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने धार्मिक न्यास परिषद एवं उसके अध्यक्ष पर, सिविल कोर्ट के फैसले के विरुद्ध जाकर एक निजी मंदिर को जबरन धार्मिक न्यास घोषित करने के मामले में 10 हज़ार रुपये  का हर्जाना लगाया है। जस्टिस राजीव राय ने अभय सिंह की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया। ये मामला पूर्वी चंपारण के ढाका अंचल में स्थित राम जानकी मंदिर का है, जो याचिकाकर्ता एवं उसके परिवार की निजी ठाकुरबाड़ी है। 

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रंजन कुमार दुबे ने कोर्ट को बताया पहले भी बोर्ड ने उनके वकील के परिवार को नोटिस देकर उनके ठाकुरबाड़ी वह मंदिर को जबरन धार्मिक न्यास घोषित करने का प्रयास किया गया था। इसके विरुद्ध अभय सिंह ने पूर्वी चंपारण के सिकरनाहा स्थित सब जज की अदालत में परिषद एवं उनके अफसरों के खिलाफ एक टाइटल सूट दायर किया था।

इस टाइटल सूट में 2016 में ही निचली अदालत ने याचिकाकर्ता और उसके परिवार के पक्ष में फैसला देते हुए यह तय किया कि उक्त मंदिर याचिकाकर्ता के परिवार का एक निजी मंदिर है,न कि एक सार्वजनिक  धार्मिक न्यास और बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद का उस मन्दिर व न्यास पर कोई क्षेत्राधिकार  नहीं पड़ता है। 2016 के उस फैसले के खिलाफ परिषद की तरफ से कोई अपील नही की गयी। 

याचिकाकर्ता ने परिषद के समक्ष उपस्थित होकर सीकरनहा के सब जज न्यायालय से पारित 2016 में इस टाइटल सूट के फैसले की कॉपी को दर्शाया। साथ ही  यह फैसला परिषद  पर भी बाध्य है, तो  परिषद अध्यक्ष ने अदालत के फैसले की कॉपी को रखते हुए अपने कार्यालय को आदेश दिया कि इस फैसले के खिलाफ टाइटल अपील दायर करें। साथ ही आनन-फानन में इस मंदिर को सार्वजनिक धार्मिक न्यास घोषित करते हुए कुछ स्थानीय लोगों को न्यासी भी बना दिया। हाईकोर्ट ने परिषद एवं उनके अध्यक्ष के इस पूरे रवैया पर कड़ी नाराजगी जताई। हाईकोर्ट ने परिषद अध्यक्ष के ऐसे कार्यशैली की निंदा करते हुए परिषद पर दस हजार रूपए हर्जाना लगाया।

Suggested News