PATNA : पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में राज्य सरकार एवं राज्य के विश्वविद्यालय प्रशासन को अदालती आदेशों के पालन में बिलंव होने पर फटकार लगाया है। कोर्ट ने कहा है कि संवैधानिक कोर्ट में मुकदमा जीतने के बाद भी याचिकाकर्ता को यह निश्चित नहीं हो पाता है कि कोर्ट के आदेश का लाभ मिलेगा भी या नही।
राज्य सरकार या विश्वविद्यालय अपने खिलाफ पारित आदेश के खिलाफ न तो सालों तक कोई अपील करती है और न ही हाईकोर्ट के आदेश का समय पर अनुपालन करती है। जब कोर्ट से अवमानना का नोटिस मिलता है,तभी कार्रवाई करने लगते है। मीरा सिंह एवम अन्य की अवमाना याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस पी बी बजंथरी की खंडपीठ ने यह आदेश सुनाया।
ये मामला 2016 में पारित हाईकोर्ट आदेश का शिक्षा विभाग और भागलपुर विश्वविद्यालय द्वारा अनुपालन नहीं किए जाने का है। इसमें खंडपीठ ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलसचिव के वेतन भुगतान पर अगले आदेश तक के लिए रोक भी लगाया है।
9 वर्ष पहले हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के लम्बित भुगतान को देने का निर्देश विश्वविद्यालय प्रशासन को दिया था। लेकिन सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की आपसी रस्साकस्सी से कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हो सका। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कुछ गैर जिम्मेदार अफसरों के कारण कोर्ट के अदालती आदेश का सही समय पर पालन नहीं होता है। अगली सुनवाई 19 जून,2024 को होगा।