बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

पटना शहर में ट्रैफिक अराजकता पर हाईकोर्ट की सख्ती, सरकार को एक्शन प्लान पेश करने का आदेश

पटना शहर में  ट्रैफिक अराजकता पर हाईकोर्ट की सख्ती, सरकार को  एक्शन प्लान पेश करने का आदेश

  PATNA : बेलगाम होती जा रही पटना की ट्रैफिक अव्यवस्था से निपटने के लिए पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो हफ्ते के अंदर एक विस्तृत 'एक्शन प्लान'  पेश करने का आदेश दिया है जिससे पटनावासियों को  ट्रैफिक जाम से निजात मिल सके। साथ ही इस मामले में जनहित याचिकाकर्ता की तरफ से दिए गए 20 सूत्री सुझावों पर बिंदुवार जवाब भी देने का आदेश राज्य सरकार को  दिया गया है।

मुख्य न्यायाधीश एपी शाही व न्यायमूर्ति अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन फोरम एवम उसके संचालक एडवोकेट शशिभूषण कुमार की जनहित याचिका को सुनते हुए उक्त आदेश दिए । सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से एडवोकेट शशिभूषण कुमार ने कोर्ट के सामने उन  20 बिंदुओं पर  सुझाव पेश किया जिससे पटना की ट्रैफिक अस्तव्यस्तता पर काबू पाया जा सकता है।

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि इन प्रमुख सुझाओं पर क्यों नहीं अमल किया जा सकता है ?  

  1. पटना शहर के प्रमुख सड़कों पर पीक आवर में टैफिक भार कम करने के लिए कॉलोनियों की अंदरूनी सड़कों को वैकल्पिक मार्ग के रूप में इस्तेमाल किया जाए ।
  2. पटना के प्लैन्ड इलाकों जैसे श्रीकृष्णा नगर ,  पाटलिपुत्र कॉलोनी , कंकड़बाग   के चिन्हित सड़को से अतिक्रमण हटाकर उन सड़कों का वैकल्पिक मार्ग के रूप में इस्तेमाल हो
  3. श्रीकृष्णा नगर , पाटलिपुत्र कॉलोनी  एवम अन्य  प्लान्ड कॉलोनी की 30 फीट चौड़ाई वाली अंदरूनी सड़कें जिनकी चौड़ाई, बाउंड्री वाल, पार्किंग गैराज वगैर अतिक्रमण की वजह से इतनी पतली कर दी गयी कि  एम्बुलेंस तक नहीं जा सकता , उन सड़कों को  अतिक्रमणमुक्त कर उन्हें वैकल्पिक मार्ग के रूप में इस्तेमाल किया जा सके क्योंकि  सड़कें शहर के तीन बड़े  सड़को को यानि बेली रोड अशोक राजपथ एवम बोरिंग केनाल  रोड को आपस मे जोड़ती हैं।


      4. पाटलिपुत्र कॉलोनी , बेली रोड एवम पटना बाईपास पर स्थित शहर के अधिकांश स्कूलों की आपसी टाइमिंग में 15 मिनटों का फर्क कर दिया जाने से एक समय बिंदु पर स्कूल बसों का ट्रैफिक पे भार नही पड़ेगा

     5. सड़कों पर ऑटो रिक्शा , बस एवम अन्य लोक परिवहनों के जहां तहां रुकने की बजाए  सड़को के स्टॉप पर रुकवाना निश्चित हो

     6.  सरकार एक ट्रैफिक मॉनिटरिंग कमिटी गठित करे और पटना स्टेशन , गांधी मैदान जैसे सर्वाधिक भीड़ भरे इलाकों में एक एक पुलिस दरोगा स्तरीय अफ़सर सिर्फ उन इलाकों को अतिक्रमणमुक्त रखने और  ट्रेफिक को मॉनिटर करने के लिए ही तैनात रहें ।

   7. ट्रैफिक जाम के खिलाफ आये मामलों में  सरकार का हर महकमा एक दूसरे के कंधे पर ज़िम्मेदारी थोपते हुए बचना चाहता है इसलिए जरूरी है कि एक अंतर्विभागीय स्तर पर एक कमिटी गठित कर ट्रैफिक नियंत्रण के लिए काम किया जाए।  एक वैसी कमिटी हो जिसमें   प्लैन्ड कॉलोनी की सड़कों के अतिक्रमण के मामले में नगर निगम ,आवास बोर्ड  शहरी विकास विभाग के अधिकारी , प्रशाशनिक मदद के लिए जिला प्रशासन व पुलिस एवम नल के पाइप  , बिजली पोल वगैर  से होने वाली ट्रैफिक समस्या से निपटने के लिए उन विभागों के अधिकारी भी मौजूद हो।

  8. पटना शहर के कुछ अति संकीर्ण व भीड़भाड़ वाले इलाको को वाहन मुक्त क्षेत्र घोषित किया जाए जहां सिवाए एम्बुलेंस या अन्य इमरजेंसी सेवा की गाड़ी ही जाने की अनुमति हो ।

  9. पटना में 15 साल से अधिक पुराने पब्लिक वाहनों के चलाने पर रोक लगाई जाए

  10. रिक्शा,  ठेला एवम अन्य ट्रांसपोर्ट की गाड़ियों  को पीक आवर में नही चलने दिया जाए

  11. पटना में निजी वाहनों की अपेक्षा पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहनों को चलाने हेतु प्रोत्साहन दी जाए ।

हाईकोर्ट ने इन सभी सुझाओं को जनहित में महत्वपूर्ण मानते हुए सरकार से एक एक सुझावों पर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी।


Suggested News