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बेतिया के दलित बस्तियों में शिक्षा की अलख जगा रहा है पर्ल परियोजना, केन्द्रों पर बढ़ी छात्रों की संख्या

बेतिया के दलित बस्तियों में शिक्षा की अलख जगा रहा है पर्ल परियोजना, केन्द्रों पर बढ़ी छात्रों की संख्या

BETTIAH : समग्र शिक्षण एवं विकास संस्थान की पर्ल परियोजना प॰चंपारण के बगहा पुलिस जिला के दलित वस्ती के दलितो का दशा व दिशा बदलने के लिए कई सराहनीय कार्य कर रही है। पुलिस 6 से 14 वर्ष के बच्चो को नि:शुल्क और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दे रही है। जिस दलीत वस्ती के बच्चो का दिनचर्या सुबह उठते ही मजदूरी करने से शुरू होती थी। आज बगहा एक प्रखण्ड के बहुअरवा, सलहा बरीअरवा सहीत आठ दलित पंचायत के दलित बस्तियों के बच्चो को खेल खेल मे पढ़ाने व साफ सफाई के साथ ही उनके अभिभावकों को साफ सफाई से होने वाले फायदा के बारे मे पर्ल योजना के कार्यकर्ता बता रही है। जहाँ इनके कार्यकर्ता बच्चो को पढ़ाने का काम कर रहे है। वही इनके अभिभावकों को छोटी छोटी खेती कर कैसे आमदनी बढ़ाई जाय। इसके बारे मे भी बताने का काम कर रही है। साथ ही उनके घरो की मरम्मती कर उन्हे रहने लायक बनाने का काम पर्ल परीयोजना कर रही है। जिला प्रशासन भी इन दलित बस्तियों के विकास के लिए हर वह सुविधा दे रही है। जिससे हो इन दलित बस्तियों का विकास हो। 

इस संबंध मे समग्र शिक्षण एवं विकास संस्थान मे पढ़ने आए बच्चो ने बताया की पहले हम खेतो मे बाल मजदूरी करने जाते थे। बकरी चराने जाते थे। अब हमलोग यहां पढ़ने आते है। यहां हमलोगो के खेलने के लिए खेल सामग्री भी आई है। जिससे हम सभी पढ़ने के बाद खेलते है मस्ती भी करते है। उन्होंने कहा की यहां आने से बहुत अच्छा लगता है। पहले हमलोगो को पढ़ने मे मन भी नही लगता था। अब मन भी लगता है और अच्छे से पढ़ते भी है। सलहा की संजु कुमारी ने बताया की एक अच्छा इंसान पढ़लिख कर बनूँगी। पहले हमलोग जब काम करते थे तो हमे मजदूरी मद मे 10 से 20 रुपया मिलता था। जिससे घरो का सामान आता था और तब हमलोग खाते थे। जब यह भईया लोग आए और हमे पढ़ाने की बात किए तो बहुत अच्छा लगा। तब ये लोग हमारे गार्जियन से बात कर पढ़ाने का काम शुरू किए। आज हमलोग अक्सर ज्ञान के साथ गिनती, पहाड़ा सीख गए है। आगे और भी सीखेंगे। 


वही इस संबंध मे इस शिक्षण संस्थान मे पढ़ा रहे शिक्षक राहुल व गीतांजली ने बताया की इन दलीत वस्ती के बच्चे पहले कुछ भी नही जानते थे। आज यहा आने से अक्षर ज्ञान के साथ साथ बहुत कुछ सीख गए है। यहां पढ़ने के साथ बच्चो का स्वास्थ का ध्यान व खेल कूद भी कराया जाता है। सरकार के कदम से कदम मिलाते हुए 6 से 14 वर्ष के बच्चो को ससक्त बनाने व उनके विकास के लिए यह शिक्षण संस्थान खोला गया है। यहां 30-30 बच्चो का बालक व बालिकाओ का ग्रुप बना पढ़ाने का काम किया जा रहा है। इस संबंध मे पर्ल परीयोजना के प्रबन्धक नदीम अहमद ने बताया की बगहा प्रखण्ड के बहूअरवा सहीत कई दलीत गाव की स्थिति काफी खराब थी। चारो तरफ गंदा बिखरा हुआ था। यहां के बच्चे पढ़ने के बजाय खेतो मे काम करने व बकरी पालन करने जाते थे। तब बगहा प्रखण्ड के चौतरवा , पूर्वी लगुनाहा , बहूअरवा , सलहा , मुड़ली सहीत आधा दर्जन से दलित बस्ती का मुआयना कर यहां के बच्चो को पढ़ाने का काम शुरू किया गया। साथ ही इन्हे साफ सफाई व इनकी आर्थिक स्थिति मे सुधार करने के लिए काम शुरू किया गया। जिसमें इन्हे सब्जी की नर्सरी लगाने व बाल पौधो को कैसे लगाया जाय, इसकी जानकारी दी गयी। साथ ही इन्हे उन्नत नस्ल की बकरी भी दिया गया। जिसे पाल पोश कर बड़ा होने के बाद बेच कर अपना आर्थिक स्थिति मे सुधार कर सके। साथ ही सफाई के बार मे भी बताया गया। आज यहां प्रतिदिन अपने मुहल्ले का साफ साई के साथ साथ अपने बच्चो के पढ़ा भी रहे है। 

वही इस बस्ती मे रह रही सुमित्रा सहित कई महिलाओ ने बताया की बहुत पहले हमलोगो इंदिरा आवास मिला था जो अब जर्जर हो गया है। पहले हम सभी इसी जर्जर भवन मे प्लास्टिक तान किसी तरह रह रहे थे। पर अब अब हमलोग इनके सहयोग से एक छोटा मड़ई बनाकर अपने परिवार के साथ रह रहे है। यहां सब्जी की नर्सरी कर रहे अच्छे लाल मुसहर ने बताया की पर्ल परीयोजना के तरफ से कद्दू , करेला , नेनुआ सब्जी की बीज मिला है। जिसका अभी हम नर्सरी लगाए है। जिसे यहां आसपास के किसान पैसा देकर खरीद कर ले जा रहे है। इससे हमारी आमदनी भी होगी। वही इस संबंध मे बगहा अनुमंडल पदाधिकारी दीपक मिश्रा ने बताया की इन दलित बसतीयों को रोल मॉडल बनाने के लिए सोलर लाईट , पेवर ब्लौक ईट ,मिनी आँगन बाड़ी केंद्र खोलने का प्रयास किया जायेगा। उन्होने यह भी कहा की बहूअरवा गाव मे कुल 113 परिवार रह रहा है। इनके विकास के लिए समग्र शिक्षा संस्थान के तरफ से बहुत ही अच्छी पहल की जा रही है। इन बस्तियों  के लोगो को जो इस जमीन पर रह रहे है उनके जमीन का स्टेलमेन्ट की व्यवस्था की जा रही है। ताकी यह भविष्य मे कभी यहां से विस्थापित नही हो सके। 


बेतिया से आशीष कुमार की रिपोर्ट 

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