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20 साल पहले मृत हो चुकी राजद प्रदेश अध्यक्ष की स्वर्गवासी भाभी के नाम पर अब तक विधानसभा से दिया जा रहा है पेंशन

20 साल पहले मृत हो चुकी राजद प्रदेश अध्यक्ष की स्वर्गवासी भाभी के नाम पर अब तक विधानसभा से दिया जा रहा है पेंशन

PATNA : बिहार विधानसभा कार्यालय से जारी माननीयों की पेंशन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आ रही है। जिसमें एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं। जहां कुछ दिन पहले ही बक्सर के राजपुर से विधायक रहे रामनारायण राम की पत्नी गीता देवी (फर्जी पत्नी) के नाम पर पेंशन दिए जाने का मामला सामने आया था। वहीं इस कड़ी में एक बड़े नेता के परिवार का नाम भी सामने आ गया है। जहां 20 साल से एक मृत महिला के नाम पर हर माह पेंशन जारी किया जा रहा है। 

जगदानंद सिंह के परिवार का नाम आया सामने

बिहार विधानसभा के द्वारा आरटीआई के तहत दिए गए आवेदन के जवाब में बताया गया है कि 20 साल पहले दुनिया छोड़ चुकी  राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की भाभी के नाम पर हर माह 37,500 रुपए पेंशन के रूप में जारी किया जा रहा हैं। बता दें की जगदानंद सिंह के बड़े भाई थे सच्चिदानंद सिंह। सच्चिदानंद सिंह प्रभावशाली नेताओं में से एक थे और कहा जाता है कि उन्हीं की राजनीतिक विरासत आज भी उनके भाई जगदानंद सिंह और भतीजे सुधारक सिंह संभाल रहे हैं। भतीजे सुधारक सिंह ने बताया- "बड़े चाचा सच्चिदानंद सिंह की पत्नी सरस्वती देवी की मौत 20 साल पहले हो चुकी है, लेकिन बिहार विधानसभा कार्यालय के मुताबिक उन्हें अब भी 37,500 पेंशन प्रतिमाह दी जा रही है।'

मौत के बाद भी पेंशन का लाभ उठाने वाले जगदानंद सिंह का परिवार इकलौता नहीं है। RJD की नोखा से विधायक और पूर्व मंत्री अनीता देवी की सास सुकरा देवी की मौत 2007 में हो चुकी है। सुकरा देवी को अनीता देवी के ससुर जंगी चौधरी के आश्रित के तौर पर पेंशन दी जा रही है। खुद अनीता देवी के मुताबिक, उनकी सास की मौत 14 साल पहले हो चुकी है। विधानसभा कार्यालय के मुताबिक , उन्हें 46,500 पेंशन प्रतिमाह मिल रही है।

वहीं, पटना मध्य से विधायक और पटना के सांसद रहे पद्मश्री से सम्मानित शैलेन्द्र नाथ श्रीवास्तव की पत्नी वीणा श्रीवास्तव की मौत साल 2020 में हो चुकी है, लेकिन उनके नाम से पेंशन जारी है।

पूर्व विधायक रामनारायण राम की आश्रित के तौर पर उनकी पत्नी गीता देवी को हर महीने पेंशन मद में 46,500 रुपए खाता में दिया जा रहा है। रामनारायण राम बक्सर के राजपुर से विधायक थे। उनके भतीजे और दत्तक पुत्र विश्वनाथ राम के मुताबिक, चाचा स्व. रामनारायण राम की पत्नी जिंदा नहीं हैं। इतना ही नहीं, उनकी शादी बचपन में ही हुई थी और फिर वह कभी ससुराल नहीं आईं। इस बात खुलासा करने वाले विश्वनाथ राम अभी राजपुर सीट से कांग्रेस के विधायक हैं। रामनारायण राम 1985 से लेकर 1995 तक विधायक थे और उनकी मौत 2016 में हो गई है।

बिहार विधानमंडल में चल रही है भारी गड़बड़ी

मौत के बाद भी पेंशन का लाभ प्राप्त करने वाले यह सिर्फ चार नाम नहीं है। इस सूची में पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की मां और बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन की मां के नाम से भी जारी पेंशन किया जा रहा था। जिसका खुलासा कुछ दिन पहले हुआ था।

पूर्व एमएलसी ने लगाए थे गंभीर आरोप

बिहार विधानमंडल में चल रहे पेंशन घोटाले  को पूर्व एमएलसी भाजपा के पूर्व एमएलसी कृष्ण कुमार सिंह ने भी सवाल उठाए थे। उन्होंने सीधा आरोप लगाया था विधान मंडल में मेडिकल बिलों के भुगतान, कैंटीन व्यवस्था, इत्यादि तो कमीशन का खेल चलता है। सही मायने में बिहार विधानसभा और विधान परिषद काजल की कोठरी की तरह है। उन्होंने कहा था कि उनका पेंशन 2020 से नहीं दिया गया। इसमें खुद सुशासन बाबू की सहभागिता है।

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