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Pitru Paksha : विश्वकर्मा पूजा, अनंत चतुर्दशी, पितृ पक्ष और गणेश विसर्जन के एक दिन होने का अद्भुत संयोग, खास तिथि में जरुर करें यह काम

Pitru Paksha : विश्वकर्मा पूजा, अनंत चतुर्दशी, पितृ पक्ष और गणेश विसर्जन के एक दिन होने का अद्भुत संयोग, खास तिथि में जरुर करें यह काम

Pitru Paksha : 17 सितम्बर को इस बार अद्भुत संयोग हो रहा है. वर्षों बाद यह मौका है जब विश्वकर्मा पूजा, अनंत चतुर्दशी, पितृ पक्ष और गणेश विसर्जन के विधान एक दिन हो रहे हैं. दरअसल, विश्वकर्मा पूजा 17 सितम्बर को है. इसी दिन अनंत चतुर्दशी है. साथ ही नौ दिवसीय गणेश पूजा की समाप्ति यानी गणेश विसर्जन भी उसी दिन होगा. इन सबके बीच पितृ पक्ष किस शुरुआत भी 17 सितम्बर को होगी. बिहार के गया में पितृ पक्ष को लेकर बड़ी तैयारी की गई है और देश भर से आने वाले हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए 16 दिवसीय पितृ पक्ष का आयोजन शुरू हो जाएगा.


विश्वकर्मा की पूजा  : भगवान विश्वकर्मा की पूजा इस वर्ष 16 सितम्बर को करें या 17 सितम्बर को? अगर आप भी इसे लेकर किसी तरह से दुविधा में हैं तो अपनी दुविधा दूर कर लें. विश्वकर्मा जयंती व विश्वकर्म दिवस के नाम से होने वाली भगवान विश्वकर्मा की पूजा इस वर्ष 17 सितंबर को ही होगी.  शुभ मुहूर्त की बात करें तो श्रद्धालु दिन के समय कभी भी पूजा कर सकते हैं. हालांकि सुबह 6.30 बजे से शाम 6.16 बजे के बीच ही पूजा करें तो बेहतर होगा.


अनंत पूजा : अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत के दौरान पांडवों ने राज्य वापसी के लिए अनंत की पूजा की थी. ऐसे में अगर आप भी अनंत चतुर्दशी कर रहे हैं तो 17 सितम्बर को सुबह से पूजा कर सकते हैं.  वहीं अनंत चतुर्दशी के दिन ही गणेश विसर्जन होता है. गणेश विसर्जन का दोपहर का मुहूर्त दोपहर 3:19 से 4:51 तक है.


पितृ पक्ष को लेकर अलग अलग तिथियों में तर्पण के अलग अलग शुभ मुहूर्त हैं. इसमें हर दिन भिन्न समय के दौरान तर्पण करने से सर्वाधिक लाभ और पुण्यार्जन की बातें कही गई हैं. 

पितृ पक्ष 2024 श्राद्ध की 16 तिथियां

पूर्णिमा श्राद्ध: 17 सितंबर, मंगलवार

भाद्रपद पूर्णिमा तिथि: 17 सितंबर को 11:44 ए एम से 18 सितंबर को 08:04 ए एम तक


प्रतिपदा श्राद्ध: 18 सितंबर, बुधवार

आश्विन कृष्ण प्रतिपदा तिथि: 18 सितंबर को 08:04 ए एम से 19 सितंबर को 04:19 ए एम तक


द्वितीया श्राद्ध: 19 सितंबर, गुरुवार

आश्विन कृष्ण द्वितीया तिथि: 19 सितंबर को 04:19 ए एम से 20 सितंबर को 12:39 ए एम तक


तृतीया श्राद्ध: 20 सितंबर, शुक्रवार

आश्विन कृष्ण तृतीया तिथि: 20 सितंबर को 12:39 ए एम से 09:15 पी एम तक


चतुर्थी श्राद्ध, महाभरणी: 21 सितंबर, शनिवार

आश्विन कृष्ण चतुर्थी तिथि: 20 सितंबर को 09:15 पी एम से 21 सितंबर को 6:13 पी एम तक


पंचमी श्राद्ध: 22 सितंबर, रविवार

आश्विन कृष्ण पंचमी तिथि: 21 सितंबर को 6:13 पी एम से 22 सितंबर को 03:43 पी एम तक


षष्ठी श्राद्ध और सप्तमी श्राद्ध: 23 सितंबर, सोमवार

आश्विन कृष्ण षष्ठी तिथि: 22 सितंबर को 03:43 पी एम से 23 सितंबर को 01:50 पी एम तक


अष्टमी श्राद्ध: 24 सितंबर, मंगलवार

आश्विन कृष्ण सप्तमी तिथि: 23 सितंबर को 01:50 से 24 सितंबर को 12:38 पी एम तक

आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि: 24 सितंबर को 12:38 पी एम से 25 सितंबर को 12:10 पी एम तक


नवमी श्राद्ध, मातृ नवमी: 25 सितंबर, बुधवार

आश्विन कृष्ण नवमी तिथि: 25 सितंबर को 12:10 पी एम से 26 सितंबर को 12:25 पी एम तक


दशमी श्राद्ध: 26 सितंबर, गुरुवार

आश्विन कृष्ण दशमी तिथि: 26 सितंबर को 12:25 पी एम से 27 सितंबर को 01:20 पी एम तक


एकादशी श्राद्ध: 27 सितंबर, शुक्रवार

आश्विन कृष्ण एकादशी तिथि: 27 सितंबर को 01:20 पी एम से 28 सितंबर को 02:49 पी एम तक


द्वादशी श्राद्ध, मघा श्राद्ध: 29 सितंबर, रविवार

आश्विन कृष्ण द्वादशी तिथि: 28 सितंबर को 02:49 पी एम से 29 सितंबर को 04:47 पी एम तक


त्रयोदशी श्राद्ध: 30 सितंबर, सोमवार

आश्विन कृष्ण त्रयोदशी तिथि: 29 सितंबर को 04:47 पी एम से 30 सितंबर को 07:06 पी एम तक


चतुर्दशी श्राद्ध: 1 अक्टूबर, मंगलवार

आश्विन कृष्ण चतुर्दशी तिथि: 30 सितंबर को 07:06 पी एम से 1 अक्टूबर को 09:39 पी एम तक


सर्व पितृ अमावस्या, अमावस्या श्राद्ध: 2 अक्टूबर, बुधवार

आश्विन कृष्ण अमावस्या तिथि: 1 अक्टूबर को 09:39 पी एम से 3 अक्टूबर को 12:18 ए एम तक

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