मणिपुर में महिला को निर्वस्त्र घूमाने की हैवानियत पर पीएम ने जताई अपनी पीड़ा, कहा - मैं क्रोधित हूं, दोषियों को छोड़ूंगा नहीं

NEW DELHI : आखिरकार मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुप्पी तोड़ दी है। जिस तरह बीते बुधवार को मणिपुर में एक महिला से न सिर्फ गैंगरेप किया गया,बल्कि उसे निर्वस्त्र कर सड़क पर लोगों के बीच सड़क पर दौड़ाया गया, उसके बाद अब प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस घटना को लेकर दुख जताया है।
उन्होंने कहा कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर पर मेरा हृदय पीड़ा और क्रोध से भरा है। क्रोध से भरा हुआ है।
पीएम ने कहा कि मणिपुर की घटना जो सामने आई है, किसी भी सभ्य समाज के लिए यह शर्मसार करने वाली है। पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं कौन हैं, वे अपनी जगह पर हैं। लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है।
राज्यों के मुख्यमंत्रियों से की अपील
पीएम ने कहा, मैं सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करता हूं कि वे अपने राज्य में कानून व्यवस्था को और मजबूत करें। खासकर हमारी माताओं और बहनों की सुरक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाएं। घटना चाहें राजस्थान की हो, छत्तीसगढ़ की हो या मणिपुर की हो। इस देश में हिंदुस्तान के किसी भी कोने में किसी भी राज्य सरकार में राजनीति से ऊपर उठकर के कानून व्यवस्था महत्व और नारी सम्मान होना चाहिए।
दोषियों को नहीं बख्शेंगे
मैं देशवासियों को भरोसा दिलाना चाहता हूं किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा। कानून अपनी पूरी शक्ति से एक के बाद एक कदम उठाएगा। मणिपुर में जो बेटियों के साथ हुआ है, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता।
मॉनसून सत्र से पहले मीडिया को किया संबोधित
पीएम मोदी ससंद के मॉनसून सत्र से पहले मीडिया को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूरी उम्मीद है कि सभी सांसद मिलकर इस सत्र का सदुपयोग करेंगे. संसद की जिम्मेदारी है चर्चा करना. चर्चा जितनी ज्यादा होती है, उतने ही दूरगामी प्रभाव पड़ते हैं. सदन में जो माननीय सांसद आते हैं, वह धरती से जुड़े होते हैं. जनता के दुख दर्द को समझने वाले होते हैं और इसलिए जब चर्चा होती है तो उनकी तरफ से जो विचार आते हैं. वह जड़ों से जुड़े हुए विचार आते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि इस सत्र में जो बिल लाए जाएंगे, वे जनता से जुड़े होंगे