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विज्ञापनी तमाशों के शोरगुल से सच नहीं छिपा सकते पीएम मोदी... बजट के पहले कांग्रेस ने खोला मोर्चा, देश की आर्थिक बेहाली दिया डेटा

विज्ञापनी तमाशों के शोरगुल से सच नहीं छिपा सकते पीएम मोदी... बजट के पहले कांग्रेस ने खोला मोर्चा, देश की आर्थिक बेहाली दिया डेटा

DESK. केंद्र की मोदी सरकार इस बार अपना आखिरी बजट पेश करेगी. लोकसभा चुनावों के पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया. उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों के कारण देश को हो रहे व्यापक नुकसान का दावा करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. इसमें उन्होंने बताया है कि कैसे मोदी सरकार आर्थिक मोर्चे पर देश को भारी नुकसान पहुंचा चुकी है. इसका दूरगामी असर देश के लिए नुकसानदेह होगा इस ओर उन्होंने इशारा किया है. 

खड़गे ने लिखा है, 15 दिन में मोदी सरकार अपने कार्यकाल का आख़री बजट पेश करेगी। कुछ तथ्य के साथ वे लिखते हैं. देश के परिवारों की बचत 50 साल में सबसे न्यूनतम स्तर पर है। ये GDP के अनुपात में 5.1% पर आ गिरी है। जबकि सरकार का कुल क़र्ज़ (राजकोषीय घाटा — केन्द्र सरकार : 5.9%, राज्य : 3.1%) क़रीब 9% तक रहने का आकलन है। इस हिसाब से पता चलता है कि देश के परिवार जितना बचा रहे हैं, उससे अधिक तो अकेले सरकार को क़र्ज़ लेना होगा। यही सबसे खतरनाक पक्ष है।

उन्होंने कहा कि IMF के मुताबिक़ Debt to GDP Ratio 60% होना चाहिये, पर वह अभी 81% पर है, और IMF ने इसपर चेतावनी भी दी है, जिसे मोदी सरकार ने आदतन तरीक़े से नकारा है। भारत सरकार क़र्ज़ के चक्रव्यूह में लगातार फँसती जा रही है। कहीं ये ना हो कि विश्व की कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तरह हमारी अर्थव्यवस्था और देश का भविष्य दोनों कुचक्र में उलझकर बड़ी मुसीबत में पड़ जाएँ। मोदी सरकार ज़्यादा ख़र्च करने का ढिंढोरा पीटती है, पर असलियत यह है कि 15 मंत्रालयों ने अब तक पिछले बजट का केवल 17.8% ही ख़र्च किया है। इसमें MSME, पेट्रोलियम, सिविल एवियेशन, फ़ूड प्रोसेसिंग, कॉरपोरेशन, अल्पसंख्यक, पूर्वोत्तर मंत्रालय शामिल हैं। विज्ञापनी तमाशों के शोरगुल से सच छिप नहीं सकता।

जट सत्र 31 जनवरी से  : मोदी सरकार के इस कार्यकाल का अंतिम बजट सत्र इसी महीने 31 जनवरी से शुरू हो रहा है. यह 9 फरवरी तक चल सकता है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंग. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 31 जनवरी को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। इसी के साथ ही बजट सत्र की शुरुआत होगी. एक फरवरी को पेश होने वाला बजट अंतरिम बजट होगा. लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी. वहीं, 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को समाप्त हो रहा है, इसलिए आम चुनाव की घोषणा से पहले यह संसद का आखिरी सत्र होगा. 2019 में लोकसभा चुनावों की घोषणा 10 मार्च को की गई थी और 11 अप्रैल से 19 मई के बीच सात चरणों में मतदान हुआ था. 

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