NEW DELHI : बिहार विधानसभा में मंगलवार को विपक्षी पार्टियों ने बिहार विशेष सशत्र पुलिस विधेयक का जमकर विरोध किया. जिसके बाद विधानसभा में उन्होंने जमकर तांडव मचाया. बाद में पुलिस बुलाकर विधायकों को बाहर किया गया. कई विधायकों की पिटाई की गयी. लेकिन यह जानना जरुरी है की आखिर विपक्षी पार्टियां इस बिल का इतना तीखा विरोध क्यों कर रहीं है.
इस बिल को लेकर राजद के वरिष्ठ नेता शिवानन्द तिवारी ने कहा की बीएमपी का नाम बदलने पर कोई एतराज नहीं है. पुलिस किसी को गिरफ्तार कर लें. यह पावर सीआरपीसी में पहले से दिया गया है. लेकिन इस बिल के कंडिका 15 में यह जोड़ा गया है की अगर पुलिस किसी के साथ बदतमीजी करती है तो उसके खिलाफ कोर्ट नहीं जा सकते है. यह बहुत ही खतरनाक है.
शिवानन्द तिवारी ने कहा की यह कानून है की थाने में जाकर हम एसपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं. लेकिन इस मामले में कहा गया है की उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकते. अदालत के अधिकार क्षेत्र से उनको बाहर कर दिया गया है. इससे विपक्ष को लगता है की यह मानवाधिकार के खिलाफ है. मानवाधिकार के रक्षा के लिए जो भी संभव था विरोधी दल ने किया. लेकिन सताधारी दल ने अपना चरित्र दिखाया है.
दिल्ली से धीरज की रिपोर्ट