पटना। बिहार में शराबबंदी है इसका तो शोसा भी सुशासन के द्वारा लगातार छोड़ा जाता है। शराबबंदी को लेकर सरकार की तरफ से लगातार दावे किए जाते हैं। वहीं दूसरी तरफ शराबबंदी के बावजूद पूरे राज्य में शराब का जप्त होना और उसके धंधे का चोखा होना यह साबित करता है कि शराबबंदी को जिन पर लागू करवाने की जिम्मेदारी है कहीं ना कहीं उनकी संलिप्तता की वजह से यह पूरी तरह सफल नहीं है।
एसपी मद्य निषेध के द्वारा लिखी गयी चिट्ठी ने शराबबंदी का पोल खोल दिया है जिसमे यह कहा गया है कि उत्पाद अफसरों की मिलीभगत से पूरे प्रदेश में शराब का अवैध धंधा जोर शोर से चल रहा है।
एसपी मद्य निषेध ने उत्पाद विभाग के अधिकारियों की भूमिका पर ही सवाल खड़ा करते हुए चिट्ठी लिखकर उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर दरोगा और सिपाही के शराब के अवैध धंधे में सम्मिलित होने का आरोप लगाते हुए इनके और रिश्तेदारों की संपत्ति की जांच करने को कहा है। इस बाबत उन्होंने सभी जिलों के एसपी और एएसपी को पत्र लिखा है। अब यह पत्र सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है
एसपी मद्य निषेध द्वारा लिखे गए पत्र में शराब के अवैध धंधे में उत्पाद अफसरों की मिलीभगत होने का खुल्लम खुल्ला आरोप लगाया गया है। इसी के तहत उसमें लिखा गया है कि उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर दरोगा और सिपाही शराबबंदी को असफल करने में लगे हुए हैं। अवैध धंधे से इन लोगों ने अकूत संपत्ति कमाई है अतः इनके और रिश्तेदारों की संपत्ति की जांच की जाए लोगों के द्वारा शराब बंदी कानून का मजाक बना दिया गया है। चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि उन्होंने विगत वर्षों से उत्पाद विभाग में कार्यरत इंस्पेक्टर दरोगा सिपाही के साथ उनके रिश्तेदारों की चल अचल संपत्ति की जांच करने के साथ परिवार के सदस्यों के मोबाइल लोकेशन की भी जांच करने को कहा है यह पत्र 6 जनवरी को लिखा गया है।
सूत्रों की माने तो शराबबंदी को लेकर लिखा गया एसपी मद्य निषेध के द्वारा यह पत्र आम लोगों की शिकायत के बाद उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इस चिट्ठी से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। अब देखना है कि सारे जिले के एसपी और एसपी को लिखे गए पत्र पर सरकार की तरफ से क्या बयान आता है लेकिन इतना तो तय है कि उत्पाद विभाग के मुखिया के द्वारा लिखा गया है पत्र सियासी गलियारे में भी हड़कंप मचा कर रख दिया है।