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मोतिहारी के तत्कालीन एसएसएफसी प्रबंधक के ठिकानों पर पुलिस ने की छापेमारी, दो करोड़ रूपये के धान अधिप्राप्ति के गबन का आरोप

मोतिहारी के तत्कालीन एसएसएफसी प्रबंधक के ठिकानों पर पुलिस ने की छापेमारी, दो करोड़ रूपये के धान अधिप्राप्ति के गबन का आरोप

MOTIHARI : दो करोड़ के धान अधिप्राप्ति घोटाला के अभियुक्त मोतिहारी तत्कालीन एसएसएफसी प्रबंधक के गिरफ्तारी को लेकर अरेराज पुलिस ने उत्तर प्रदेश के दो ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी में दोनों ठिकानों से फरार रहने के कारण गिरफ्तारी से बच निकले तत्कालीन एसएसएफसी प्रबंधक भानु प्रताप सिंह.अरेराज सर्किल इंस्पेक्टर न्यायालय से गिरफ्तारी वारंट निकलने के बाद डीआईजी बेतिया व एसपी मोतिहारी से आदेश के बाद मंगलवार की रात्रि उत्तरप्रदेश के बनारस व जौनपुर स्थित आवास पर छापेमारी की गयी। 


अरेराज इंस्पेक्टर उपेंद्र कुमार ने बताया कि पूर्व से कांड अनुसंधान में तत्कालीन डीएम एसएसएफसी प्रबनधक के दो ठिकाने का खुलासा हुआ था। .जिसको लेकर दोनों ठिकाने पर गिरफ्तारी के लिए छापेमारी के लिए आदेश लिया गया था। लेकिन छापेमारी के दौरान खुलासा हुआ कि बनारस ,जौनपुर के बदलापुर व लखनऊ में भी बने आलीशान कोठी होने के कारण वह लखनऊ स्थित कोठी पर रहते है। लखनऊ कोठी पर छापेमारी के लिए आदेश निर्गत नही होने के कारण करवाई नही किया जा सका। वही इंस्पेक्टर ने बताया कि तत्कालीन डीएम एसएसएफसी प्रबंधक भानुप्रताप सिंह के इस्तेहार व कुर्की को लेकर तीनो आवासीय पते पर न्यायालय से आदेश के लिए आवेदन गुरुवार को दिया गया। न्यायलय से आदेश मिलते ही तीनो आवास पर इस्तेहार चस्पाया जाएगा। वही गिरफ्तारी नही होने पर कुर्की की करवाई की जाएगी। 

गौरतलब हो कि धान अधिप्राप्ति में लगभग दो करोड़ की घोटाला को लेकर मलाही गोबिंदगंज कांड संख्या 101/15 दर्ज कराया गया था। जिसमे चटिया चिन्तामनपुर के मिलर उमेश प्रशाद पर एक करोड़ 96 लाख के धान अधिप्राप्ति में गबन का प्राथमिकी दर्ज कराया गया था। कांड के पर्यवेक्षण में तत्कालीन डीएम एसएसएफसी प्रबंधक भानु प्रताप सिंह,बीएओ कमरे आलम,राजदेव रंजन,देवनाथ चौधरी ,विष्णुदेव पासवान व मिलर उमेश प्रशाद पर लगभग दो करोड़ के धान अधिप्राप्ति में गबन का मामला सत्य पाया गया था। जिसमे तत्कालीन डीएम एसएसएफसी प्रबंधक को छोड़कर बाकी सभी अभ्युक्तो द्वारा न्यायालय से जमानत करा लिया गया था। प्रबंधक द्वारा फरार रहने पर कांड के अनुसंधानक सर्किल इंस्पेक्टर द्वारा न्यायालय से गिरफ्तारी वारंट व वरीय पदाधिकारी से आदेश निर्गत होने के बाद छापेमारी की गई। सबसे रोचक बात कांड के अनुसंधान में आया था कि एक डीलर के मोटरसाइकिल नम्बर के गाड़ी पर 80 -80 किविंटल धान की धुलाई गोदाम से मिल में किया गया था। 

मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट 

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