बिहार ही नहीं अब यूपी में भी शुरू हुई जातीय जनगणना पर सियासत, अखिलेश ने कह दी बड़ी बात

पटना. बिहार में पिछले कुछ महीनों से जातीय जनगणना को लेकर सियासत हो रही है. अब उसी तर्ज पर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी जातीय जनगणना कराने की बातें होने लगी हैं. जैसे बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद नेता लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव बार बार जातीय जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं उसी तरह यूपी में पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना कराने की बात की है. 

उन्होंने कहा, कांग्रेस और बीजेपी पोल खुलने के डर से जातिगत जनगणना नहीं कराना चाहते. उन्होंने कहा कि न कांग्रेस और न ही बीजेपी, दोनों में से कोई भी जातिगत जनगणना नहीं चाहता है जबकि समाजवादी पार्टी जाति जनगणना कराना चाहती है. अखिलेश ने यहाँ तक कह डाला कि अगर यूपी में 2022 विधानसभा में जब उनकी पार्टी की सरकार बनेगी तो तीन महीने के भीतर राज्य में जातीय जनगणना कराई जाएगी. 


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यूपी विधानसभा चुनाव को देखते हुए अखिलेश ने कांग्रेस और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, हम जातिगत जनगणना चाहते हैं. बहुत सारे लोग जाति की जनगणना नहीं चाहते हैं. हम ऐलान करते हैं कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के तीन महीने के अंदर जातिगत जनगणना कराया जाएगा और हर एक जाति को बता दिया जाएगा कि कौन सी जाति आबादी में कितनी है.

गौरतलब है कि बिहार में भी जातीय जनगणना कराने की मांग नीतीश कुमार और लालू यादव की ओर से की गई है. हालाँकि केंद्र ने इस मांग को सिरे से ठुकरा दिया. अब राज्य में अपने खर्चे पर जातीय जनगणना कराने की बात की जा रही है. इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर चुके हैं. 

वहीं यूपी में अखिलेश की ओर से जातीय जनगणना का मुद्दा उठाने को राज्य के विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि अब चुनाव प्रचार के दौरान भी वे इस मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधेंगे और जातीय अस्मिता की बातें यूपी के विधानसभा चुनाव में देखी जा सकती हैं.